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‘कौशिक आश्रम’ यानी सेवाव्रतियों का मुक्ताश्रम – भय्याजी जोशी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने कहा कि ‘कौशिक आश्रम’ कोई पथिक आश्रम, वृद्धाश्रम अथवा वैद्यकीय सेवा का स्थान नहीं है, बल्कि एक मुक्ताश्रम है. पिछले कुछ वर्षों से अधिक संख्या में वरिष्ठ सेवाव्रतियों का प्रबंध यहां करने की आवश्यकता बन जाने के कारण पुरानी इमारत के स्थान पर बड़ी इमारत का पुनर्निर्माण करने का  निर्णय लिया गया है.

पुणे में मित्रमंडल सोसाइटी में स्थित कौशिक आश्रम के नए भवन का शिलान्यास सोमवार को संपन्न हुआ. इस अवसर पर भय्याजी जोशी प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख मंगेश जी भेंडे भी कार्यक्रम में उपस्थित थे.

भय्याजी जोशी ने कहा, “सेवाव्रतियों के निवास के एक श्रेष्ठ प्रबंध के रूप में पिछले ४५ वर्षों से ‘कौशिक आश्रम’ परियोजना कार्यरत है. अपने जीवन के सर्वाधिक वर्ष समाज कार्य के लिए अर्पित करने वाले ७५ वर्ष से अधिक आयु के, लेकिन मन से युवा सेवाव्रती यहां रहते हैं. आज आप सबके सहयोग से इसका शिलान्यास हुआ है.


कौशिक आश्रम ट्रस्ट की कौशिक आश्रम इमारत पिछले ४५ वर्षों से अधिक काल तक रा. स्व. संघ के वरिष्ठ सेवाव्रती कार्यकर्ताओं की निवास योजना के रूप में कार्यरत है, जहां अविवाहित तथा परिवार से दूर रहकर समाज सेवा करने वाले स्वयंसेवक रहते हैं.

ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील राऊत ने शिलान्यास पूजा संपन्न करते हुए कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी. कार्य में अमूल्य योगदान देने वाले दाता श्री. व श्रीमती हरदास तथा आशेर को कौशिक आश्रम की ओर से सम्मानित किया गया. परियोजना के लिए समाज में जागृति लाने का काम सामाजिक कार्यकर्ता शेफाली वैद्य ने किया, जिसके लिए उन्हें भी सम्मानित किया गया. आगामी दो से ढाई वर्षों में परियोजना को पूर्ण करने का निश्चय ट्रस्ट की ओर से व्यक्त किया गया.