• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

13 दिन में महिलाओं ने की 40 लाख की बिक्री

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

हरिद्वार

सनातन धर्म में कांवड़ यात्रा एक आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है, लेकिन अब यह यात्रा महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता का अवसर भी बन चुका है। जी हां 2025 में हरिद्वार में आयोजित कांवड़ मेले में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने अपनी मेहनत से लाखों का कारोबार कर एक उदाहरण पेश किया है.. बताते चलें की कांवड़ मेले के दौरान हरिद्वार में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने 13 दिनों में 41 लाख 57 हजार 500 रुपये का कारोबार किया। महिलाओं ने 11 जुलाई से 23 जुलाई तक हर की पौड़ी और कांवड़ मार्गों पर 59 स्टॉल लगाए, जिनमें जूस, भोजन, कपड़े, सजावटी सामान, मिट्टी और जूट के उत्पाद, कांवड़ियों के वस्त्र आदि बेचे गए।  वही मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने बताया कि 48 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने पूरे जनपद में स्टॉल लगाए, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा, इस कार्य  में महिलाओं को प्रशासन का पूरा सहयोग मिला, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में सहारा मिला । और इस उपलब्धि से महिलाओं ने यह भी बता दिया कि धार्मिक आयोजनों में भागीदारी से ग्रामीण महिलाएं भी आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती हैं और इस कांवड़ यात्रा के दौरान आस्था, सनातन की शक्ति, समरसता के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की अनूठी झलक देखने को मिली है।