• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

38वें राष्ट्रीय खेल में 10 हजार खिलाड़ी होंगे प्रतिभागी

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

- 28 जनवरी से 14 फरवरी तक होगा आयोजन

- 43 खेलों की विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं होंगी आयोजित

- एथलेटिक्स, फुटबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, हॉकी, कुश्ती, तीरंदाजी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, और शतरंज होंगी प्रमुख प्रतियोगिताएं 

 उत्तराखंड। उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 का आयोजन जनवरी और फरवरी के बीच होगा, जिसमें 43 खेलों की विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी। यह आयोजन उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो न केवल खेल प्रतिभाओं के प्रदर्शन का मंच प्रदान करेगा, बल्कि राज्य के पर्यटन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इन खेलों का आयोजन 28 जनवरी से 14 फरवरी तक किया जाएगा, और इसमें देशभर के 10,000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे।

आयोजन का महत्व-

राष्ट्रीय खेलों का महत्व केवल प्रतिस्पर्धाओं तक ही सीमित नहीं होता; यह एक ऐसा मंच है जहां राष्ट्रीय स्तर के एथलीट अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं और भविष्य के अंतरराष्ट्रीय मंचों के लिए खुद को तैयार करते हैं। उत्तराखंड में इस आयोजन का होना राज्य के लिए गर्व की बात है, खासकर इसलिए क्योंकि राज्य ने इससे पहले कभी इस स्तर के खेलों की मेजबानी नहीं की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने इस आयोजन की तैयारी को लेकर अपनी संतुष्टि व्यक्त की है, और राज्य में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को उच्च स्तर पर तैयार करने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।

भारतीय ओलंपिक संघ का ऐलान, अगले साल उत्तराखंड में होंगे 38वें राष्ट्रीय खेल-  Navbharat Live (नवभारत) - Hindi News | indian olympic association announces  38th national games will be held ...

शामिल खेल और प्रतिस्पर्धाएं-

इस बार के राष्ट्रीय खेलों में 43 खेलों को शामिल किया गया है, जिनमें एथलेटिक्स, फुटबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, हॉकी, कुश्ती, तीरंदाजी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, और शतरंज जैसी प्रतिस्पर्धाएं होंगी। इसके अलावा, शीतकालीन खेलों की भी योजना बनाई गई है, जो उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे, जिससे इस आयोजन का एक विशेष आयाम जुड़ेगा। 

शीतकालीन खेलों में विशेष रूप से स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग जैसी प्रतिस्पर्धाएं शामिल होंगी, जिनका आयोजन राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया जाएगा। उत्तराखंड के लिए यह एक अनूठा अवसर है क्योंकि राज्य का भौगोलिक और पर्यावरणीय ढांचा इस तरह के खेलों के लिए आदर्श है। 

आयोजन स्थल और तैयारियां-

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड के चार प्रमुख शहरों में किया जाएगा—देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और उधम सिंह नगर। इन चार शहरों में विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं के आयोजन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को उच्चतम स्तर पर तैयार किया जा रहा है, ताकि खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। 

इसके साथ ही, राज्य सरकार ने खिलाड़ियों और अन्य प्रतिभागियों के ठहरने की व्यवस्था के लिए बड़े पैमाने पर होटल और गेस्टहाउस तैयार किए हैं। पहले के राष्ट्रीय खेलों में एक "खेल गांव" की अवधारणा होती थी, लेकिन इस बार उत्तराखंड में इस अवधारणा को हटाकर विभिन्न स्थानों पर आवास की व्यवस्था की गई है।

उत्तराखंड में होगा 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, आईओसी ने दी मंजूरी

आर्थिक और सामाजिक लाभ-

उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी सहायक होगा। खेलों के आयोजन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इससे पर्यटन में वृद्धि की उम्मीद है। राज्य के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों, जैसे कि बद्रीनाथ और केदारनाथ, के नजदीक होने के कारण खेलों के साथ-साथ पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। 

इसके अलावा, यह आयोजन उत्तराखंड के युवाओं को खेलों में रुचि बढ़ाने और उनके बीच खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने में सहायक होगा। राष्ट्रीय खेलों के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाओं को भी राष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने का अवसर मिलेगा, जिससे राज्य की खेल प्रतिभाओं को नई पहचान मिलेगी।

खेल आयोजन की चुनौतियाँ-

हालांकि इस तरह के बड़े आयोजन की मेजबानी उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है, लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। सबसे बड़ी चुनौती है खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए पर्याप्त आवास और परिवहन की व्यवस्था करना। इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर होटल और परिवहन सेवाओं का विस्तार किया है, और खेल स्थलों तक पहुँचने के लिए बेहतर सड़कों और अन्य परिवहन सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।

इंफ्रास्ट्रक्चर के उन्नयन के अलावा, आयोजन स्थलों की सुरक्षा और तकनीकी सेवाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि खेलों का संचालन सुचारू रूप से हो सके। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए स्टेडियम और खेल मैदानों को उन्नत किया जा रहा है।

खेल महाकुंभ का शुभारंभ, सीएम धामी ने कहा, उत्तराखंड की खेल प्रतिभाओं को  निखारेंगे 38वें राष्ट्रीय खेल | Devbhoomi Dialogue

खेल और पर्यावरण-

राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है, खासकर उत्तराखंड जैसे पर्यावरण-संवेदनशील राज्य में। राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें खेल स्थलों पर प्लास्टिक के उपयोग को कम करना और ऊर्जा-संरक्षण के उपायों को लागू करना शामिल है। इसके अलावा, आयोजन स्थलों के आसपास हरियाली को बनाए रखने और जल संरक्षण के उपायों को भी लागू किया जा रहा है।

उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 का आयोजन राज्य के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जो न केवल खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक संरचना को भी मजबूत करेगा। इस आयोजन से राज्य की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिलेगी, और राज्य की प्रतिष्ठा को भी मजबूती मिलेगी। 

सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं, और राज्य के लोग भी इस अवसर का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हैं। इस आयोजन से राज्य के युवाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा, और यह उत्तराखंड की खेल संस्कृति को और            सुदृढ़ करेगा।