- संवारे जाएंगे संभल के सभी तीर्थ और कूप, शीर्ष समिति का गठन, जिले की अन्य धरोहरों का भी होगा जीर्णोद्धार
- कल्कि देवतीर्थ समिति का गठन किया गया है। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन और विश्वविद्यालय इस कार्य में सहयोग करेंगे।
संभल। स्कंद पुराण लिखा है कि भगवान का अगला अवतार कल्कि के रूप में संभल में होने वाला है। उसके पहले इस पूरे तीर्थ क्षेत्र का विकास करने के लिए प्रशासन ने एक योजना बनाई है जिसमें 68 तीर्थ और 19 कूपों का विकास किया जाएगा। इसके लिए कल्कि देवतीर्थ समिति का गठन किया गया है। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन और विश्वविद्यालय इस कार्य में सहयोग करेंगे।
एक समय संभल में हिंदू हिंसा भड़की थी 184 हिंदू परिवारों ने अपनी जान न्योछावर की थी। सरकार ने दोषियों को सजा दिलाने के लिए निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने इसकी लिस्ट बनाकर काम करना शुरू कर दिया है। हिंसा की आग में झुलसे संभल को जिला प्रशासन ने पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए प्रशासन ने यहां के सभी 68 तीर्थ और 19 कूपों के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए संभल कल्कि देवतीर्थ समिति का गठन किया गया है।
समिति का अध्यक्ष डीएम और सह अध्यक्ष एसपी को बनाया गया है। समिति में जिले के अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों को शामिल किया गया है। समिति की पहली बैठक शनिवार को डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया की अध्यक्षता में तहसील में आयोजित की गई। बैठक में संभल में मिल रहे तीर्थ, कूप और बावड़ी को लेकर चर्चा की गई।
बताया जाता है कि यहां के प्राचीन तीर्थ, कूप और बावड़ी इस बात को प्रमाणित करते हैं कि संभल ऐतिहासिक नगरी है। यहां की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करना सबकी की जिम्मेदारी है, क्योंकि यह हमारे गौरवशाली इतिहास की परिचायक हैं। डीएम ने कहा कि यहां के 68 तीर्थ में से 34 चिह्नित कर लिए गए हैं, उनको संवारने का काम किया जा रहा है।
19 कूप भी चिह्नित किए गए हैं, उनको भी संवारा जाना है। इस कार्य में पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन (ट्रस्ट) और पतंजलि विश्वविद्यालय भी सहयोग करेगा। इसको लेकर पतंजलि से करार (एमओयू) किया गया है।
संभल कल्कि देवतीर्थ समिति के पदाधिकांरी -
अध्यक्ष डीएम, सह अध्यक्ष एसपी, सीडीओ, एडीएम, एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, बीडीओ संभल, ईओ पालिका, प्रवीन कुमार, महंत ऋषिराज गिरि, छत्रपाल सिंह, संजय कुमार गुप्ता, डॉ. डीवी शर्मा।