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नैरेटिव को न्योता देती पुस्तक

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नैरेटिव को न्योता देती पुस्तक

सुभाष चन्द्र सिंह पूर्व सूचना आयुक्त, उत्तर प्रदेश

मर्श भारत का' पुस्तक देश में दशकों से चल रहे समाज से कटे वामपंथी और फर्जी सेक्युलर विमर्श पर कड़ा प्रहार करती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने 10 मार्च को नोएडा में टीवी चैनल न्यूज 24 की प्रधान संपादक श्रीमती अनुराधा प्रसाद की विशिष्ट उपस्थिति में विमोचन किया।

पुस्तक मुख्य रूप से प्रेरणा शोध संस्थान न्यास, नोएडा के तत्वावधान में आयोजित चार विमर्शों की श्रृंखला में आए विचारों का संकलन है। ये विमर्श 2020, 21, 22 और 23 में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आयोजित किए गए थे। विमर्श के क्रम में राष्ट्रीय स्तर नामचीन बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, सिने कलाकारों, सामाजिक हस्तियों और राष्ट्रवादी सोच से प्रेरित लोगों ने विचार व्यक्त किए। इसमें देशभर से जुटे नवोदित पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, बौद्धिक और सेवा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने हिस्सेदारी की और राष्ट्रवादी विचारों से लाभान्वित हुए।

पुस्तक में सभी चार विमर्शों में आए विचारों को अलग अलग रेखांकित किया गया है। इसका पहला हिस्सा 2020 के विमर्श पर केंद्रित है। विषय था 'विरासत'। इसमें विद्वानों ने भारत की विरासत के आधारभूत तत्वों पर केंद्रित किया। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री अरुण कुमार के विचार विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इनके अलावा संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख राम लाल जी, संघ के ही वरिष्ठ प्रचारक अशोक बेरी जी, भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्री शिव प्रकाश, पूर्व वाइस चांसलर सर्व श्री रजनीश शुक्ल, भगवती प्रकाश शर्मा के अलावा पत्रकारिता जगत के हस्ताक्षर सर्वश्री आलोक मेहता, जगदीश उपासने, हितेश शंकर, सुरेश चव्हाणके आदि के विचार विशेष रूप से पठनीय हैं। 

वर्ष 2021 के विमर्श का विषय था 'भारतोदय, आजादी का अमृत महोत्सव'। इसमें स्वतंत्रता के अंतर्निहित मूल्यों के आलोक में चर्चा हुई। विशेष रूप से राज्यसभा सदस्य श्री राकेश सिन्हा, सच्चिदानंद जोशी और पूर्व कुलपति संजीव शर्मा के अलावा वरिष्ठ पत्रकार विष्णु प्रकाश त्रिपाठी, हर्ष वर्धन त्रिपाठी के विचारों से पुस्तक को वैचारिक समृद्धि मिली।

विमर्श 2022 में 'भविष्य का भारत' विषयक चर्चा में देश की मूर्धन्य विभूतियों ने हिस्सा लिया। विशेष उल्लेख प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंद कुमार का करना समीचीन होगा। उन्होंने भारत के स्वत्व-बोध को जीवन के हर क्षेत्र में जरूरी बताया। पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त और वरिष्ठ पत्रकार उदय माहुरकर, अवधेश कुमार, वृजेश सिंह, प्रोफेसर संजय द्विवेदी और डॉ. प्रमोद सैनी के विचार अवश्य पढ़ना चाहिए।

वर्ष 2023 में विमर्श का विषय रखा गया, 'स्व' भारत का आत्मबोध। इसमें भी संघ के वरिष्ठ प्रचारक और प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंद कुमार जी का मार्गदर्शन मिला। उन्होंने आध्यात्मिकता के विचार-सूत्र को भारत के स्वबोध की आधारशिला बताया। कई सत्रों की चर्चा में निकले विचार-नवनीत का लाभ देशभर के जुटे लोगों को मिला। वरिष्ठ पत्रकार एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता व जनसंचार विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ के पूर्व कुलपति श्री बलदेव भाई शर्मा और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति के.जी. सुरेश के अलावा मीडिया के चर्चित नाम नरेंद्र भदौरिया, प्रफुल्ल केतकर, रुबिका लियाकत, अशोक श्रीवास्तव, प्रणय कुमार, हरीश वर्णवाल आदि के उल्लेखनीय विचार पढ़ना चाहिए।

पुस्तक का मुखपृष्ठ अति सुंदर है। विचार प्रवाह का साक्षी है। 225 पृष्ठों की पुस्तक का मूल्य मात्र 225 रुपये है। इसे आप सुरुचि प्रकाशन, केशव कुंज, झंडेवाला, नई दिल्ली से डाक द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। 

बुक खरीदने के लिए इस वेबसाइट  पर हैं  लिंक-: VIMARSH BHARAT KA BOOK

पुस्तक का नाम - विमर्श भारत का पृष्ठ -225 मूल्य - रुपए 225/प्रकाशन - सुरुचि प्रकाशन केशव कुंज झंडेवाला नई दिल्ली-110055 फोन - 011 23514672 मो.- 8851358634

Suruchiprakashan@gmail.com 

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