सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग का विश्व कीर्तिमान
-मूलतः मधुबनी चित्रकारी मिट्टी की दीवारों, फर्श और आंगनों पर प्राकृतिक रंगों और उंगलियों, टहनियों या माचिस की तीलियों का उपयोग करके की जाती थी। समय के साथ, यह कला विकसित हुई और हस्तनिर्मित कागज, कपड़े और कैनवास पर दिखाई देने लगी, जिससे यह व्यापक दर्शकों तक पहुंच गई।
- रविवार 27 अप्रैल को पटना में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार स्पोर्ट्स ऑथोरिटी द्वारा तैयार मधुबनी पेंटिंग (18.69 वर्ग मीटर) के लिए सर्टिफिकेट प्रदान किया। तीन दिनों में प्राकृतिक रंगों से निर्मित यह कलाकृति बिहार की सांस्कृतिक विरासत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है।
पटना, बिहार। बिहार में कलाकारों ने विश्व की सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग बनाकर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। इसे सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग (18.69 वर्ग मीटर) के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Records) में शामिल किया गया है। प्रसिद्ध मिथिला चित्रकला की दिग्गज कलाकार पद्मश्री बऊआ देवी जी के निर्देशन में 50 से अधिक कलाकारों और विद्यार्थियों ने अद्भुत कृति को तैयार किया। कलाकारों ने कहा कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत की अद्वितीय पहचान है। साथ ही मधुबनीवासियों ने उपलब्धि को मधुबनी के लिए गर्व का क्षण बताया।
रविवार 27 अप्रैल को पटना में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार स्पोर्ट्स ऑथोरिटी द्वारा तैयार मधुबनी पेंटिंग (18.69 वर्ग मीटर) के लिए सर्टिफिकेट प्रदान किया। तीन दिनों में प्राकृतिक रंगों से निर्मित यह कलाकृति बिहार की सांस्कृतिक विरासत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है।
कैनवास पर इस्तेमाल किए गए रंग हल्दी, चुकंदर, कार्बन और फूलों का उपयोग करके बनाए गए हैं। मधुबनी पेंटिंग, को मिथिला पेंटिंग के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक लोक कला है।
मूलतः मधुबनी चित्रकारी मिट्टी की दीवारों, फर्श और आंगनों पर प्राकृतिक रंगों और उंगलियों, टहनियों या माचिस की तीलियों का उपयोग करके की जाती थी। समय के साथ, यह कला विकसित हुई और हस्तनिर्मित कागज, कपड़े और कैनवास पर दिखाई देने लगी, जिससे यह व्यापक दर्शकों तक पहुंच गई।