अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन (SEIL) अभियान के अंतर्गत ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2023’ गुवाहाटी (असम) से प्रारंभ हुई. इस वर्ष यात्रा में अब तक के सबसे अधिक 450 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. यह यात्रा देश के 64 स्थानों से होकर गुजरेगी.
गुवाहाटी में ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ का भव्य उद्घाटन हुआ. उद्घाटन कार्यक्रम में असम सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गंगाप्रसाद परसायन, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत और गोविंद नायक, SEIL (सील) के ट्रस्टी सुनील बासुमतारी उपस्थित रहे.
सन् 1966 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों के युवाओं को शेष भारत से परिचय कराने के उद्देश्य से अंतरराज्यीय छात्र जीवन दर्शन की शुरुआत की गई थी. प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाली इस यात्रा में पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से प्रतिनिधि भाग लेते हैं. इसी प्रकार से भारत के विभिन्न राज्यों के युवा प्रतिनिधि उसी वर्ष में SEIL यात्रा के अन्तर्गत पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करते हैं.
‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के समन्वयक अनूप कुमार ने कहा कि, “इस यात्रा में भाग ले रहे पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को देश की विविधता को प्रत्यक्ष जानने का अवसर मिलेगा तथा इन युवाओं के माध्यम से यात्रा में मिलने वाले लोग पूर्वोत्तर के बारे में जान सकेंगे.”
अभाविप के मंत्री राकेश दास ने कहा कि, “SEIL यात्रा, भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है. इस वर्ष की यह यात्रा सहभागियों को समाज को और बेहतरीन रूप से समझने के अवसर देगी.”
अभाविप के महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, “राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा में भाग ले रहे प्रतिनिधियों को पूरे भारत की विविधता के विषय में जानने का अवसर मिलेगा. एक लंबे समय से आयोजित हो रही SEIL यात्रा के माध्यम से हजारों युवाओं को देश को जानने का अवसर मिला है. पूर्वोत्तर भारत निरंतर विकास की दिशा में गतिशील है. ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के प्रतिनिधियों के लिए यह अवसर उन्हें नए अनुभव प्रदान करेगा.”
प्रफुल्ल आकांत ने कहा कि, “दुनिया में रंग, रूप और भाषा के नाम पर देश बन जाते हैं, संघर्ष होते हैं. परंतु यह राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा ‘अनेकता में एकता – भारत की विशेषता’ के प्रत्यक्ष भाव की यात्रा है, यह दर्शन और अनुभव करने की यात्रा है. देश के दूसरे कोने में भी हमारा एक घर – एक परिवार मिलेगा, यही बंधुत्व भाव सदियों से भारत में है ही, यह उस अनुभव को सुदृढ़ करने की यात्रा है, मात्र पर्यटन इस यात्रा का उद्देश्य नहीं है.”
असम सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू ने कहा कि, “SEIL के सभी प्रतिभागी देशभर में जाकर स्थानीय परिवारों में रहेंगे, यही इस यात्रा की विशेषता और SEIL की उपलब्धि है. अन्य स्थान पर जाने से ही मुझे अपने परिवार, अपने घर अपने भोजन खानपान का महत्व समझ आया. आज के युवाओं को भारत को जानने का और स्वयं की संस्कृति, संस्कार को समझने की आवश्यकता है और इस दिशा में यह यात्रा महत्वपूर्ण है.”