यह तस्वीरें फ्रांस या चीन की नहीं, यह हैं भारत की मेक-इन-इंडिया क्रांति की पहचान। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डेंटल कॉलेज ने वो कर दिखाया है। जो आज तक दुनिया नहीं कर पाई। जबड़े के फ्रैक्चर को जोड़ने के लिए अब दो प्लेट नहीं, एक ही भारतीय 3D सर्कुलर प्लेट काफी है। फ्रांस की प्लेट-20 हजार, चीन की दो प्लेट 40 हजार। लेकिन AMU की प्लेट, केवल 5 हजार रुपये में और स्वदेशी प्लेट की स्वदेशी गारंटी इसकी मजबूती, बाकी सब पर भारी।
चार स्क्रू, ज्यादा
मजबूती, कम
कीमत, ज्यादा सुरक्षाऔर सबसे बड़ी बात प्लेट का पेटेंट भी हो चुका है। अब बहुत जल्द इसका इस्तेमाल मरीजों पर
शुरू होगा। अलीगढ़ की यह खोज
सिर्फ मेडिकल ब्रेकथ्रू नहीं यह है मेक-इन-इंडिया की जीत। दुनिया
अभी भी फ्रांस और चीन की ओर देख रही है। लेकिन भारत अपना रास्ता खुद बना रहा है।



