अलीगढ़। एएमयू के निकट शमशाद मार्केट में स्थित गोकुला चौराहे के 125 साल पुराने शिव मंदिर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। करणी सेना और अन्य हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने मंदिर को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है। इस संबंध में 16 जनवरी 2025 को करणी सेना के सदस्यों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई।
मंदिर को लेकर विवाद की पृष्ठभूमि -
• गोकुला चौराहे पर स्थित यह शिव मंदिर सन 1899 में अभिषेक खंडेलवाल के पूर्वजों द्वारा बनाया गया था।
• मंदिर के साथ धर्मशाला और एक प्राचीन कुआं भी है।
• मंदिर के संस्थापक अभिषेक खंडेलवाल का दावा है कि मंदिर और धर्मशाला की 460 गज भूमि में से 400 गज पर दूसरे समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया है।
• मंदिर के कुएं को ढक दिया गया है और बाउंड्री बना दी गई है, जिससे भक्त मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
करणी सेना की कार्रवाई और पुलिस हस्तक्षेप -
करणी सेना की तैयारी :
• 16 जनवरी की सुबह करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र चौहान ने व्हाट्सएप ग्रुप में मंदिर को कब्जा मुक्त कराने के लिए संदेश दिया।
• सुबह 11 बजे 50 से अधिक कार्यकर्ता तस्वीर महल चौराहे पर पहुंचे।
पुलिस का हस्तक्षेप :
• थाना सिविल लाइन पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया।
• कार्यकर्ता किसी तरह जिला पंचायत तक पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया।
ज्ञापन सौंपा गया :
• कार्यकर्ताओं को एसीएम द्वितीय संजीव मिश्रा के पास ले जाया गया।
• मंदिर को कब्जा मुक्त कराने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
जांच के आदेश और प्रशासन का रुख -
जांच के लिए कमेटी बनेगी :
• एसीएम द्वितीय ने नगर निगम के अपर आयुक्त वीर सिंह से इस मामले में बातचीत की।
• वीर सिंह ने कहा कि मंदिर क्षेत्र का पहले निरीक्षण किया गया है। अब जांच के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी।
तहसील प्रशासन से रिपोर्ट मांगी :
• गोकुला चौराहा स्थित गाटा संख्या 342 की भूमि की स्थिति स्पष्ट करने के लिए तहसील प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है।
• रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
नगर निगम बाबू पर आरोप -
• करणी सेना ने नगर निगम में संपत्ति का काम देख रहे एक बाबू पर मंदिर के मामले में मनमानी का आरोप लगाया।
• पदाधिकारियों ने कहा कि बाबू के हस्तक्षेप के कारण ही मंदिर की भूमि पर कब्जा संभव हो पाया है।
मंदिर पर पुलिस की तैनाती -
• करणी सेना के आंदोलन के चलते प्रशासन सुबह से ही सक्रिय हो गया था।
• मंदिर और आसपास के क्षेत्र में पुलिस बल तैनात किया गया।
• पुलिस शाम तक शमशाद मार्केट में सक्रिय रही।
अधिकारियों के बयान -
अभिषेक खंडेलवाल (मंदिर संस्थापक):
• "मंदिर और धर्मशाला पर अतिक्रमण कर लिया गया है। भूमि पर पूर्वजों के नाम के शिलालेख आज भी मौजूद हैं।"
वीर सिंह (अपर नगर आयुक्त):
• "मंदिर की भूमि की जांच के लिए तहसील प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई होगी।"
मंदिर की भूमि को लेकर विवाद के समाधान के लिए प्रशासन ने जांच का भरोसा दिलाया है। करणी सेना के सात दिन के अल्टीमेटम के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। तहसील रिपोर्ट और नगर निगम की जांच आने के बाद ही मामले में कार्रवाई तय होगी।