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जामा मस्जिद सर्वे बवाल: पत्थरबाजी में शामिल दो आरोपी गिरफ्तार, 24 के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी

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मुरादाबाद। संभल में 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल के मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अब तक 62 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 87 अन्य आरोपी वांछित हैं। पुलिस ने बवाल में शामिल 24 उपद्रवियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कराए हैं।

दो आरोपियों की गिरफ्तारी -

गिरफ्तार आरोपी : 

1. हसनैन उर्फ रिहान (निवासी: हिंदूपुरा खेड़ा)

2. मोसिन उर्फ मोहसिन (निवासी: खग्गू सराय)

आरोप : 

पत्थरबाजी में शामिल होने और पुलिस पर हमला करने का आरोप।

आरोपियों ने पूछताछ में अपराध स्वीकार किया।

पकड़ने का तरीका : 

घटना के बाद आरोपी विभिन्न स्थानों पर छिपे हुए थे।

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।

बवाल का विस्तृत विवरण -

24 नवंबर 2024 को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान तीन स्थानों पर बवाल हुआ:

1. जामा मस्जिद के पास : 

आगजनी, फायरिंग, और पत्थरबाजी।

5 लोगों की मौत और 29 पुलिसकर्मी घायल।

2. नखासा तिराहा : 

पुलिस पर पथराव और फायरिंग।

3. हिंदूपुरा खेड़ा : 

एसपी और डीएम पर जानलेवा हमला।

450 चेहरों की पहचान जारी -

बवाल के दौरान पुलिस ने वीडियो और फोटो रिकॉर्ड किए, जिनमें 450 चेहरों की पहचान हुई है।

पहचान का आधार : 

सीसीटीवी फुटेज, वीडियो, और तस्वीरें।

कार्यवाही : 

पुलिस टीमें इन चेहरों को पहचानने और गिरफ्तारी के लिए काम कर रही हैं।

24 उपद्रवियों के गैरजमानती वारंट -

नखासा थाना क्षेत्र के 24 उपद्रवियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट न्यायालय से जारी किए गए।

अन्य क्षेत्रों के आरोपियों के खिलाफ भी वारंट जारी कराने की प्रक्रिया जारी है।

एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि वांछित 87 आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

एसआईटी की कार्रवाई और आश्वासन -

विशेष जांच टीम (SIT) इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है।

एसपी का बयान : 

“जो बवाल में शामिल था, उसे कानून का सामना करना होगा। निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा।”

जामा मस्जिद सर्वे बवाल में पुलिस ने अब तक 62 उपद्रवियों को जेल भेजा है और 87 वांछित आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस द्वारा जुटाए गए वीडियो और तस्वीरों के आधार पर पहचान की जा रही है। इस मामले में कठोर कार्रवाई से यह संदेश दिया जा रहा है कि कानून व्यवस्था में खलल डालने वालों के खिलाफ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।