नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने धारा 370 पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय अमर बलिदानी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को एक कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि जैसा है. आज के निर्णय से यह प्रमाणित होता है कि 1947 – 48 में महाराजा हरी सिंह द्वारा हस्ताक्षर किया गया विलय पत्र अंतिम और वैध था. जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. तत्कालीन सरकार ने अपनी कुछ राजनीतिक महत्वाक्षांओं के कारण अनुच्छेद 370 से जम्मू कश्मीर को एक विशेष दर्जा दिया था. भारत की संसद ने इस अनुच्छेद को हटा दिया था. किंतु फिर भी इस वाद के कारण कुछ कुहासा छाया हुआ था जो आज के निर्णय के बाद से साफ़ हो गया. हमें विश्वास है कि जम्मू कश्मीर में विकास की धारा इसी तेजी से बढ़ती रहेगी.
अब जम्मू और कश्मीर में एक ही बड़ा काम बचा हुआ रह गया है. वह है, गुलाम कश्मीर की पाकिस्तान के पंजे से मुक्ति. हमें विश्वास है कि सशक्त भारत और संकल्पित सरकार पाक अधिकृत कश्मीर को भी जल्द मुक्त करा सकेगी.