श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस अर्थात 22 जनवरी, 2024 पर देश भर के पांच लाख से अधिक मंदिरों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रण हेतु ‘पूजित अक्षत’ 5 नवंबर को देश भर के 45 प्रांतों से अयोध्या धाम पधारे कार्यकर्ताओं को समर्पित किये जाएंगे.
सभी कार्यकर्ता इस पूजित अक्षत को अपने प्रांतो में ले जाएंगे. इस अक्षत के माध्यम से देश के सभी शहर और ग्राम में जनमानस को उत्सव हेतु आमंत्रित किया जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार, पूरे 45 दिन तक महाअभियान चरणबद्ध ढंग से चलेगा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 4 नवंबर 2023 को 200 कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचेंगे. पांच को वहां से अक्षत भरे पीतल के कलश लेकर जाएंगे. यह अक्षत न्यास की ओर से आमंत्रण का प्रतीक होगा. 5 नवंबर से दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक कार्यकर्ता देशभर के सभी मंदिरों में अक्षत पहुंचाएंगे. 01 से 15 जनवरी 2024 तक पूजित अक्षत लेकर कार्यकर्ता हर गांव मोहल्ले एवं बस्तियों में संपर्क कर सभी को उत्सव में भाग लेने का औपचारिक निमंत्रण देंगे. प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को कार्यकर्ता अपने-अपने गांव मोहल्ले के मंदिरों में एकत्रित होंगे. वहां भजन कीर्तन के कार्यक्रम चलेंगे तथा सायं काल अपने दरवाजे पर दीप जलाएंगे.
22 जनवरी को अयोध्या में केवल कश्मीर से कन्याकुमारी तक के 140 संप्रदायों के साधु-संत, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक तथा इस आंदोलन में बलिदान देने वाले बलिदानियों के परिजन, विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियां अर्जित करने वाले समाज के विशिष्ट नागरिक उपस्थित होंगे. 8000 लोगों की सीमित क्षमता होने के कारण कार्यकर्ताओं से 22 जनवरी को अयोध्या न आकर अपने अपने क्षेत्र में कार्यक्रमों में जुटने का निर्देश दिया गया है.
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पश्चात कार्यकर्ताओं को अलग-अलग तिथियों में उनके प्रांत के अनुसार अयोध्या पहुंचने का निमंत्रण दिया जाएगा.