- अब तक 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं
अयोध्या का राम मंदिर अब भारत के सबसे अधिक आय वाले मंदिरों में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ के चलते मंदिर की सालाना आय 700 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। यह मंदिर अब स्वर्ण मंदिर, वैष्णो देवी और शिरडी साईं मंदिर से आगे निकल चुका है।
राम मंदिर की बढ़ती लोकप्रियता-
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में भक्तों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। अब तक 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। पर्यटकों और श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या के कारण अयोध्या की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। प्रतिदिन दो से पांच लाख भक्त मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापार को भी काफी बढ़ावा मिला है।
दान और आय के स्रोत-
मंदिर में बड़ी मात्रा में भक्त दान अर्पित करते हैं, जिसमें नकद राशि के साथ-साथ सोना-चांदी भी शामिल है। उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड इकोनॉमिक एसोसिएशन के महासचिव प्रो. विनोद श्रीवास्तव के अनुसार, राम मंदिर की आय लगातार बढ़ रही है और भविष्य में यह और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है।
मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि मंदिर के 10 दान काउंटर पर रोजाना 10 लाख रुपये से अधिक का दान चढ़ाया जा रहा है। महाकुंभ के एक माह के दौरान लगभग 15 करोड़ रुपये का दान जमा हुआ है।
देश के प्रमुख मंदिरों की सालाना आय (करोड़ रुपये में):
1. तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्रप्रदेश – 1500-1650
2. पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल – 750-850
3. राम मंदिर, अयोध्या – 700+
4. स्वर्ण मंदिर, पंजाब – 650
5. वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू एंड कश्मीर – 600
6. शिरडी साईं मंदिर, महाराष्ट्र – 500
7. जगन्नाथ मंदिर, पुरी, उड़ीसा – 400
8. अक्षरधाम मंदिर, नई दिल्ली – 200-250
9. सोमनाथ मंदिर, गुजरात – 150-200
अयोध्या की आर्थिक प्रगति में योगदान-
राम मंदिर की बढ़ती आय न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक रूप से भी अयोध्या और उत्तर प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभा रही है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से पर्यटन, होटल व्यवसाय, परिवहन और स्थानीय व्यापार को भी बड़ा लाभ मिल रहा है। अयोध्या का यह ऐतिहासिक मंदिर भविष्य में और भी नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है, जिससे इसकी धार्मिक और आर्थिक महत्ता और अधिक बढ़ जाएगी।