उमेश पाल हत्याकांड में
साजिश बरेली जेल में रचे जाने के मामले में यूपी सरकार ने अजेल अफसरों पर एक बार
फिर बड़ी कार्रवाई की है। बरेली के जेलर, डिप्टी जेलर व पांच बंदरीक्षकों को शासन ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया
है। माफिया गैंग के लिए काम कर रहे पीलीभीत जेल के वार्डर मनोज कुमार गोंडा और
बरेली के फरार सपा नेता लल्ला गद्दी के साथी मोहम्मद सरफुद्दीन को भी गिरफ्तार कर
लिया गया है। बरेली जेल में बंद माफिया अतीक के भाई अशरफ से बगैर रिकार्ड गुपचुप
गुर्गोँ की मुलाकात कराने के मामले में निलंबित होने वालों में बरेली सेंट्रल जेल-2 के जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह, जेल वार्डर वृजवीर सिंह, दानिश मेंहदी, दलपत सिंह, शिवहरि अवस्थी
शामिल हैं। जेल में माफिया गैंग की साजिश का खुलासा होने के बाद जेल महानिदेशक
आनंद कुमार ने कार्यवाहक डीआईजी आरएन पांडेय को मामले की जांच सौंपी थी। डीआईजी की
जांच में दोषी पाए गए जेल स्टाफ पर शासन स्तर से गाज गिर गई है।
सूत्रों के अनुसार डीआईजी जेल आर्यन पांडे ने जिला जेल के 7 कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। उसमें एक जेलर, एक डिप्टी जेलर और 5 बंदी रक्षक शामिल हैं। आरोप है कि बरेली जिला जेल में बंद अतीक अहमद भाई अशरफ को अंदर वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता था। साथ ही मोबाइल फोन के जरिए जेल के अंदर से ही उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी करवाई जाती थी। ऐसे में जेल प्रशासन कटघरे में खड़ा होता दिखाई दे रहा था।