महाकाल की नगरी उज्जैन में आयोजित वनवासी कल्याण आश्रम की अ. भा. बैठक में देशभर से आए प्रांत मंत्री, सह-मंत्री, प्रांत संगठन मंत्री, सह-संगठन मंत्री तथा अन्य अधिकारियों ने विभिन्न सत्रों में कार्य वृत्त की जानकारी ली तथा आगामी कार्यक्रमों की योजना को लेकर विचार विमर्श किया.
जनजातियों की सूची में नए-नए समूहों को जोड़ने को लेकर बैठक में चर्चा हुई तथा एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया कि लोकुर समिति द्वारा निर्दिष्ट मापदंडों का कड़ाई से पालन होना चाहिए. सन् 1970 के पश्चात जिस प्रकार से लोकुर समिति द्वारा निर्दिष्ट मापदंडों की अनदेखी हो रही है, वह असहनीय है. इस विषय को लेकर कार्यकर्ता समाज जागरण करेंगे. जनजाति समाज के जागृत व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता, चुने हुए जन प्रतिनिधि और शासन-प्रशासन से सम्पर्क करना समय की आवश्यकता है.
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान और आय़ोग के सदस्य अनंत नायक भी कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे. हर्ष चौहान ने कहा कि हम जनजाति समाज की अस्मिता, अस्तित्व और विकास के लिए कार्य कर रहे हैं. अपनी संस्कृति, इतिहास और सामाजिक व्यवस्था इन विषयों पर जनजाति युवा वर्ग ने शोध कार्य करना चाहिए. जिससे जनजाति समाज के बारे में निर्मित भ्रामक छवि को मिटाकर सही प्रतिमा समाज के सामने ला सकें.
बैठक में कार्य वृद्धि हेतु तीन वर्ष की कार्ययोजना बनी है. इस योजना का पहला वर्ष पूर्ण हो चुका है. बैठक में आगामी दो वर्ष की योजना पर चर्चा करते हुए कार्य को आगे बढ़ाने पर विचार विमर्श किया. बैठक में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के संयुक्त प्रयासों से प्रकाशित ‘जनजाति गौरव’ पुस्तक का विमोचन हुआ. देश भर में पुस्तक के सन्दर्भ में विभिन्न नगर-महानगरों में कार्यक्रम आयोजित होंगे. इस हेतु नगरों में निवास करने वाले जनजाति समाज के प्रबुद्ध महानुभावों से सम्पर्क होगा. अस्मिता जागरण हेतु आयोजित कार्यक्रमों के कारण जनजाति महापुरूषों के प्रेरक जीवन का समाज को परिचय होगा.
जनजाति क्षेत्र में एनिमिया और कुपोषण की समस्या को देखते हुए अखिल भारतीय चिकित्सा प्रमुख डॉ. पंकज भाटिया ने ‘अनामिका’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत चल रही चिकित्सा योजना पर चर्चा की. पाँच राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट चलेगा और 10000 व्यक्तियों का इलाज होगा.
महिला कार्य एवं युवा कार्य के विस्तार एवं विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा. कार्य का डाक्युमेंटेशन हो, इस लिए भी सघन प्रयास होंगे. जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा आयोजित डीलिस्टिंग रैलियों का प्रांत-प्रांत में आयोजन हो रहा है. जनजाति समाज के हित में कार्यरत वनवासी कल्याण आश्रम भी इसका समर्थन करता है. ‘अमृतकाल मनाएं….’ गीत के स्वर सम्पूर्ण कार्यक्रम में गूंजता रहा.