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काहे राम के भइल वनवास...काशी के कला दीर्घ ’के पुस्तकालय में है भोजपुरी रामायण,युवाओं में देखा जा रहा है इसे पढ़ने का विशेष उत्साह

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काशी के लंका स्थित‘कला दीर्घा’के पुस्तकालय में है भोजपुरी रामायण,जिसे इन दिनों खूब पढ़ा जा रहा है, युवाओं में इसे पढ़ने का विशेष उत्साह देखा जा रहा है। रामायण को भोजपुरी भाषा में पढ़ने के लिए वाराणसी, बलिया, गाजीपुर के अलावा बिहार (Bihar) समेत भोजपुरी बेल्ट के अन्य क्षेत्रों से लोग यहां आ रहे हैं. भोजपुरी में रामायण को पूर्वांचल की मिट्टी के साहित्यकार इंजीनियर राजेश्वर सिंह ने लिखा है और उन्होंने इस किताब को आर्ट दीर्घा लाइब्रेरी में लोगों के पढ़ने के लिए रखा है. बता दें कि बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) के भोजपुरी अध्ययन केंद्र के पूर्व समन्वयक डॉ सदानंद शाही ने इस लाइब्रेरी को दो साल पहले शुरू किया था