नेपाल सीमा पर मतांतरण का बड़ा ‘खेल’, विरोध करने पर यातनाएं
भारत-नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में मतान्तरण का खुला खेल बेरोक-टोक जारी है। ईसाई पादरियों का रैकेट नेपाल सीमा से सटे गाँवों में मतान्तरण कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का षड्यन्त्र रच रहा है। पादरी भोले-भाले हिन्दुओं को भाँति-भाँति के प्रलोभन देते हैं, परन्तु जो प्रलोभनों के आने नहीं झुकता, उसे धमकी देकर मतान्तरण के लिए विवश किया जाता है। मतान्तरण कराने वाले रैकेट का सीधा लक्ष्य अशिक्षित लोगों को राष्ट्र विरोधी कार्यों के लिए उपयोग करना है।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के अध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह जग्गी ने एक प्रेस वार्ता कर चौंकाने वाला सच सामने रखा है, उनका कहना है कि वर्ष 2012 और 2020 से नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में इसाई पादरियों के ऐसे समूह बड़ी संख्या में सक्रिय हैं।
हरपाल सिंह जग्गी की मानें तो नेपाल सीमा से सटे टाटरगंज, बैल्हा, बमनपुर भगीरथ, बाजार घाट गांव में 20 हजार से अधिक जनसंख्या है। मताँतरण कराने वाले रैकेट में शामिल पादरी इन गाँवों के घर-घर में मिलने जाते हैं और फिर जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर लगती है, उन्हें धन का लालच देकर बरगलाया जाता है, न मानने पर धमकी भी दी जाती है, जबरन मतांतरण कराया जाता है।
सरदार हरपाल सिंह जग्गी का कहना है इन गाँवों में सिखों की संख्या लगभग 22 हजार है, इनमें से हजारों लोगों का मतांतरण कराया जा चुका है।
मतान्तरण का षड्यन्त्र, विफल होने पर गुंडागर्दी
हरपाल सिंह जग्गी ने पादरियों के षड्यन्त्र की पूरी योजना का खुलासा करते हुए बताया कि जिन परिवारों ने मतान्तरण का विरोध किया, रात में उनके घरों में घुसकर मारपीट की गई, तरह-तरह की यातनाएं दी गईं। किसी को भूमि के लिए शोषित किया गया। सरकारी सुविधा न मिलने देने समेत कई धमकी तक दी गईं।
विदेश से देश की सम्प्रुभता पर चोट करने का षड्यन्त्र
नेपाल के रास्ते किस तरह से मतांतरण हो रहा है इस संबंध में सरकार को भी सूचना दी गई है। आशंका जताई जा रही है, मतांतरण के माध्यम से विदेशी एजेंसियां देश की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर कर विदेशी ताकतों को बढ़ावा दे सकती हैं। शिकायत पर 8 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई है। इस षड्यन्त्र में सम्मिलित अधिकतर पादरी नेपाल के निवासी है।
पादरियों के निशाने पर सिख और हिन्दू
सिखों के अतिरिक्त हिन्दू समुदाय के लोगों का भी मतांतरण कराया जा रहा है। इस सूचना को गंभीरता से लते हुए डीएम भी सक्रिय हो गए हैं। सिख संगठनों का कहना है की असंवैधानिक तरीके से इस ब्लैकमेलिंग और अंधविश्वास के चक्कर में करीब तीन हजार लोग मतांतरण किया जा चुका है। वास्तव में यह बहुत बड़ी समस्या है, जिससे निपटने की तुरंत आवश्यकता है।
क्यों हो रहा धर्मांतरण?
शिक्षा की कमी और गरीबी मतांतरण का प्रमुख कारण माना जा रहा है। अशिक्षित परिवारों को प्रलोभन देकर मुख्य धारा और संस्कृति से अलग करना आसान समझते हैं। ऐसे ही एक पीड़ित व्यक्ति का कहना है उनको 2 लाख रुपये का लालच, घर और शौचालय का प्रलोभन देकर मतांतरण कराया गया था, परन्तु उनको जब कोई सुविधा नहीं मिली तो मार्च में पुलिस अधीक्षक को शपथ पत्र देकर शिकायत भी दी गई थी।
मतान्तरण के सूचना पर प्रशासन सतर्क
मतांतरण रैकेट की पुष्टि होती देख खुफिया टीमों ने अन्य स्थानों से जानकारी जुटानी आरम्भ कर दी। बार्डर क्षेत्र होने के कारण लखनऊ की स्पेशल इंटेलीजेंस की इकाई भी स्थापित है। टीम ने ऐसे कुछ स्थानों की जांच कर रिपोर्ट भेज दी है। हरपाल सिंह जग्गी का कहना है कि 160 परिवारों के नामों की सूची जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को सौंपी गई है सरकार जल्दी इस पर अपनी करवाई करेंगी ऐसा आश्वासन दिया गया है
उत्तर प्रदेश में मतांरण के विरुद्ध कड़ा कानून बन चुका है, फिर भी विदेशी ताकतें अपने षड्यन्त्र को अंजाम देने में जुटी है और कुछ लोग जरा से प्रलोभन में आकर अपने ही राष्ट्र के लिए संकट उत्पन्न कर रहे हैं। थोड़े से लालच में आकर राष्ट्र विरोधी कार्यों में स्वयं की ही आहुति दे रहे हैं। ऐसे में आवश्यक है प्रत्येक नागरिक का जागरुक करने की, प्रत्येक व्यक्ति की शिक्षित होने की, ताकि अंधविश्वास या किसी प्रलोभन में न आने पावें।