• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

अब प्लास्टिक कचरे से मिलेगी कमाई, ग्राम पंचायतें बनेंगी स्वच्छता की मिसाल

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

आगरा : ग्राम पंचायतों के लिए सिरदर्द बना प्लास्टिक कचरा अब उनके लिए आमदनी का माध्यम बनेगा। जिले में ब्लॉक स्तर पर प्लास्टिक कचरा एकत्र करने के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां से प्लास्टिक कचरा खंदौली और अकोला में बने प्लांट्स में भेजा जाएगा, जहां इसका रीसाइक्लिंग कर प्लास्टिक दाना तैयार किया जाएगा। इसके बाद निविदा प्रक्रिया से इसे बेचा जाएगा और इससे होने वाली आय सीधे ग्राम पंचायतों के खातों में जमा की जाएगी। इस पहल से न केवल गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा, बल्कि ग्राम पंचायतों को स्वावलंबी भी बनाया जा रहा है। यह राशि अब ग्रामीण विकास कार्यों में लगाई जा सकेगी।

स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत नई पहल

जिले के 15 ब्लॉकों की 690 ग्राम पंचायतों में ‘मेरा कूड़ा, मेरी कर्त्तव्य’ की भावना को मजबूत किया जा रहा है। फतेहाबाद के मेवली खुर्द गांव में जय मां दुर्गे स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित केंद्र पर 70 ग्राम पंचायतों से प्रति माह 10-15 किलोग्राम प्लास्टिक सामग्री एकत्र की जा रही है। इसे अलग-अलग छांटकर रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है।

प्लास्टिक से बनेगा दोना, बढ़ेगा रोजगार

खंदौली में तैयार प्लांट में प्लास्टिक कचरे से दोना बनाने की सुविधा भी विकसित की जा रही है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा।

पंचायतों को मिलेगा सीधा लाभ

सहायक विकास अधिकारी पंकज यादव ने बताया कि रीसाइक्लिंग से हुई आमदनी ग्राम पंचायतों के खातों में स्थानांतरित की जाएगी। इससे गांवों में सड़क, नाली, पेयजल जैसी आवश्यक योजनाओं को गति मिलेगी।