देश भर में विभिन्न नागरिक समूहों एवं गैर सरकारी संगठनों के 200 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी वाले G20 के अंतर्गत C20 के माध्यम से देश – विदेश में कई कार्यक्रम हो रहे हैं. इसी कड़ी में G20 के अंतर्गत आने वाले C20 कार्य समूह SEWA –- Sense of Service, Philanthropy and Volunteerism (सेवा – परोपकार और स्वयंसेवा की भावना) का पानीपत में संत ईश्वर फाउंडेशन द्वारा संचालित माता चंद्रकांता स्मृति सेवा न्यास में स्थित ज्ञानदीप सेवाधाम में भव्य उद्घाटन किया गया.
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विनय सहस्रबुद्धे पूर्व संसद सदस्य और संरक्षक C20 ने कहा कि C20 के सेवा प्रकल्प का यहां उद्घाटन किया गया है. आज विश्व भर में कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठन विश्वसनीयता के खतरे का सामना कर रहे हैं. ये एनजीओ अपने -अपने हिसाब से कार्य करते हैं. कुछ एनजीओ कम कार्य करके भी यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि वो बहुत अधिक कार्य कर रहे हैं. वो सेवा के कार्य के नाम पर फंडिंग हासिल करते हैं. उनका नेटवर्क विश्व के कई देशों और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक फैला हुआ है.
C20 में इस विषय को इसलिए चुना गया है कि लोग आत्मप्रेरणा से सेवा कार्य कर सकें और उसके बारे में जान सकें. बिना संवेदना के सेवा कार्यों को बेहतर तरीके से नहीं किया जा सकता है. भारत ने विश्व भर में सेवा कार्य करके एक अनोखा उदाहरण पेश किया है. कोरोना संकट काल के दौरान भारत ने विश्व के कई देशों को निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध करवाई है. इसके अलावा तुर्की में आए भूकंप के दौरान भारत ने ऑपरेशन दोस्त चलाकर कई लोगों की जान बचाई थी. भारत की सेना विश्व में शांति सेवा के कार्यों में निरंतर अपनी भूमिका निभा रही है.
विशिष्ट अतिथि पराग अभ्यंकर जी (अखिल भारतीय सेवा प्रमुख आरएसएस) ने कहा कि हमारे महापुरुषों ने सेवा को मनुष्य का प्रमुख धर्म बताया है और उन्होंने इसका अपने जीवन में बखूबी पालन भी किया है. सेवा की भावना हम भारतीयों के खून में है. सेवा के कार्यों को विदेशों में लोग करुणा के रूप में देखते हैं. उनको लगता है कि इस कार्यों को करके वो लोग बहुत बड़े बन रहे हैं. वहीं भारत में सेवा को कर्त्तव्य माना गया है. यहां सेवा कार्य करने वाला व्यक्ति यह सोचता है कि ईश्वर ने उसको सेवा करने का एक मौका दिया है. सेवा कार्यों के लिए तो हमारे लोगों ने अपना बलिदान तक किया है. हमारे यहां तो प्रकृति की भी सेवा की जाती है. हमारे लिए सेवा का जनकल्याण से अर्थ है.
विजय के नांबियार (शेरपा C20) ने कहा कि यह कार्यक्रम सेवा के कार्यों को सही अर्थों में चरितार्थ करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि सामाजिक विकास को जनभागीदारी से पूरा किया जा सकता है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष कपिल खन्ना (अध्यक्ष, संत ईश्वर फाउंडेशन) ने कहा कि इस स्कूल को उनके परिवार ने 20 साल पहले शुरू किया था. उस समय यहां सिर्फ एक कमरा हुआ करता था. इस पूरे स्कूल के निर्माण में सेवा भारती और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. स्कूल के माध्यम से घुमंतू समाज से बच्चों को नया जीवन मिला है. रेणु पाठक जी, (महामंत्री राष्ट्रीय सेवा भारती) ने कहा कि देश के कई सामाजिक संगठन कार्यरत हैं. उनमें से सेवा भारती एक है. इसके अंतर्गत 1000 से अधिक संगठन कार्य कर रहे हैं. माता चंद्रकांता स्कूल से बड़ी संख्या में छात्र पढ़कर निकले हैं और आज समाज में कई बड़े पदों पर आसीन हैं. हमें अपने कार्यों के अलावा कुछ समय राष्ट्रीय विकास के कार्यों में लगाने की जरूरत है.
‘संत ईश्वर फाउंडेशन’ की राष्ट्रीय सचिव एवं C20 की सेवा संयोजक वृंदा खन्ना ने बताया कि उनका उद्देश्य इसके माध्यम से सेवा की भावना का देश में विस्तार करना है. इसके अलावा विश्व भर में सेवा शब्द को प्रचलित करना है. कार्यक्रम को पानीपत की छोटी बस्ती के प्रकल्प में इसलिए किया गया क्योंकि सेवा शहरों में बैठकर नहीं की जा सकती है. सेवा के कार्यों को करने के लिए हमें जमीनी स्तर पर जाना होता है. जहां सेवा कार्यों किए जा रहे हों, ऐसे स्थानों पर अगर सेवा की चर्चा की जाती है तो उसका प्रभाव बहुत अधिक होता है.
कार्यक्रम में सुधीर जी (अखिल भारतीय संगठन मंत्री, राष्ट्रीय सेवा भारती), करनाल के सांसद संजय भाटिया, सहित अन्य उपस्थित रहे.