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चंपावत का युवा बना मिसाल, मौन पालन से हर साल एक लाख की कमाई

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चम्पावत, उत्तराखण्ड

कोरोनाकाल, जब सड़कों पर सन्नाटा पसरा था, शहरों की भागदौड़ थम गई, लाखों लोग अपने गांव की ओर लौट आए और  शुरू कर दिया अपना नया सफर।कुछ ऐसा ही किया चंपावत के सूखीढांग क्षेत्र के 33 वर्ष के नवीन कुमार ने। साल 2020 में नौकरी छोड़कर नवीन को गांव लौटना पड़ा। लेकिन उन्होंने हौसला नहीं खोया और पूरी हिम्मत और संकल्प के साथ स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ा दिए। नवीन ने मौन पालन का काम शुरू किया और उनकी मेहनत रंग लाई। नए काम को पांच साल भी पूरे नहीं हुए और नवीन अब तक 7 क्विंटल शहद बेच चुके हैं। शहद 600 से 800 रुपये प्रति किलो तक बाजार में बिक रहा है और हर साल करीब एक लाख की कमाई हो रही है। शहद ही नहीं फल और सब्जी उत्पादन से भी उन्होंने अपना काम बढ़ाया और गांव में ही खड़ा कर दिया अपना खुद का उद्यम और एक नई पहचान बना ली। नवीन कुमार आज हर किसी के लिए मिसाल बन गए हैं। उनकी सफलता इस बात की गवाही है कि अवसर कहीं बाहर नहीं, हमारे अपने गांव-घर में भी छिपे होते हैं—बस उन्हें पहचानने की दृष्टि होनी चाहिए।