बलरामपुर जिले के विजयदशमी जुलूस के दौरान एक धार्मिक स्थल पर रंग फेंकने की घटना ने साम्प्रदायिक तनाव को जन्म दिया है। इस घटना के बाद इलाके में हंगामा हुआ और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाए। यह घटना तब हुई जब विजयदशमी का जुलूस धार्मिक स्थल के पास से गुजर रहा था, और कुछ शरारती तत्वों ने वहां रंग फेंका, जिससे स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची। किसी खास समुदाय के लोगों की ओर से इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। कई मुस्लिम संगठन इस तरह के घटनाओं को बढ़ावा देते हैं। इसके लिए आर्थिक मदद भी मुहैया कराते हैं। पुलिस ने इस मामले में कुछ गिरफ्तारियाँ की हैं, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान करने का प्रयास किया है।
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू की है, और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है ताकि स्थिति और न बिगड़े। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोषियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके
अभी तक इस मामले में कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों के बीच तनाव व्याप्त है, जिसे देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
साम्प्रदायिक तनाव की दूसरी बड़ी घटना-
अगस्त 2019 में, बलरामपुर जिले के पुरैना वाजिद गांव में साम्प्रदायिक तनाव की एक बड़ी घटना सामने आई थी। इसमें कुछ शरारती तत्वों ने एक धार्मिक स्थल पर आपत्तिजनक वस्तु लटकाई थी, जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव बढ़ गया था। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
पुलिस प्रशासन की लापरवाही के आरोप में उस समय महदैया चौकी के प्रभारी सहित नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। पुलिस ने जल्द ही माहौल को नियंत्रित किया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। हालांकि, इस घटना ने बलरामपुर के सांप्रदायिक संतुलन को अस्थिर कर दिया था, जिससे लोग काफी चिंतित हो गए थे।
इन घटनाओं में देखा गया है कि हर बार जब कोई साम्प्रदायिक तनाव पैदा हुआ है, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है, लेकिन इसके बावजूद बलरामपुर जैसे इलाकों में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति चिंता का विषय बनी हुई है।
कुछ अन्य घटनाएं
2020 में जुमे की नमाज के दौरान हिंसा: एक मस्जिद के बाहर जब कुछ लोगों ने नमाज पढ़ रहे लोगों पर आपत्ति जताई, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। उस समय पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और स्थिति को काबू में करने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा था
2022 में साम्प्रदायिक टिप्पणी: एक कार्यक्रम के दौरान एक स्थानीय नेता द्वारा की गई साम्प्रदायिक टिप्पणी से भी बलरामपुर में तनाव उत्पन्न हुआ था। इस पर विरोध प्रदर्शन हुए और प्रशासन को शांति बनाए रखने के लिए सक्रिय होना पड़ा
अलग-अलग त्योहारों के दौरान झगड़े: कई बार धार्मिक त्योहारों जैसे होली और दीपावली के दौरान भी साम्प्रदायिक तनाव के मामले सामने आए हैं, जहां एक समुदाय ने दूसरे समुदाय पर आरोप लगाया कि वे त्योहारों के दौरान शांति का उल्लंघन कर रहे हैं। इस प्रकार की घटनाएं अक्सर पुलिस के हस्तक्षेप से नियंत्रित की गई हैं