• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा भड़की, एक की मौत बाद बवाल

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

बहराइच।

माँ दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा  

जिहादी मानसिकता और कट्टरपंथी देश के अलग अलग हिस्सों में हिन्दुओं की पूजा और उनके त्योहारों को निशाना बनाते रहते हैं, कहीं पंडाल में पथराव तो कहीं मूर्ति विसर्जन में पथराव को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर देते हैं ऐसा ही एक मामला यूपी के बहराइच से आया है जहाँ माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिसमें गोपाल मिश्रा नाम के एक हिन्दू युवक की हत्या कर दी गई। घटना के बाद पुलिस ने अब्दुल हमीद, सरफराज, फहीम, साहिर खान, ननकऊ और मारूफ अली को नामजद करते हुए 4 अन्य अज्ञात आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है साथ ही 16 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।


क्या था पूरा मामला? 

बहराइच में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई। महसी तहसील के महाराजगंज इलाके में डीजे बजाने को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो दो समुदायों के बीच तीखी झड़प में बदल गया। इस दौरान छतों से पथराव और फायरिंग की गई, जिसमें 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

घटना के बाद हिंसा और आगजनी भी हुई, जिससे शहर में तनाव फैल गया। गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन किया और मूर्तियों के विसर्जन को रोक दिया। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और प्रशासन ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए। इसके साथ ही मामले में कई लोगों के खिला फ FIR दर्ज की गई और लापरवाही बरतने पर थानेदार और चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और शांति बनाए रखने की अपील की है।


CM योगी की प्रतिक्रिया

CM योगी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है “बहराइच के महसी में माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी को सुरक्षा की गारंटी, लेकिन उपद्रवियों और जिनकी लापरवाही से घटना घटी है, ऐसे लोगों को चिह्नित कर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। 


डॉ. मोहन भागवत ने विजयादशमी उत्सव  में किया था जिक्र 

डॉ. मोहन भागवत ने श्री विजयादशमी उत्सव के अवसर पर  गणेशोत्सवों के समय श्री गणपति विसर्जन की शोभायात्राओं पर अकारण पथराव तथा तदोपरान्त बनी तनावपूर्ण परिस्थिति की घटनाओं का उदाहरण देते हुए खा था, ऐसी घटनाओं को होने नहीं देना, वो होती हैं तो तुरंत नियंत्रित करना, उपद्रवियों को त्वरित दण्डित करना, यह प्रशासन का काम है। परन्तु उनके पहुँचने तक तो समाज को ही अपने तथा अपनों के प्राणों की व सम्पत्ति की रक्षा करनी पड़ती है। इसलिए समाज में भी सदैव पूर्ण सतर्क व सन्नद्ध रहने की आवश्यकता है।

बलरामपुर व में गोंडा में दुर्गा पूजा के दौरान पथराव

बलामपुर में दुर्गा पूजा के दौरान जिहादी मानसिकता के कट्टरपंथियों ने पंडाल में घुसकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया था। महिलों की शिकायत के बाद पुलिस ने सभी आरोपितों अरबाज, इमरान और मुख्तार कप गिरफ्तार कर लिया था। गोंडा में दुर्गा माँ की पूजा के बाद कुछ हिन्दू बच्चों ने पंडाल के बाहर पटाखे फोड़े जिसकी आवाज से पास रह रहे मुस्लिम भड़क गये, मुस्लिम परिवार के लोगों ने बाहर निकल कर हिन्दुओं को खूब गलियाँ दी फिर लाठी दादों के साथ हमला किया जिसमें लगभग कई हिन्दू युवक गंभीर रूप से घायल हुए। 

यह तो कुछ घटनाएँ है जो हम आपको बता रहें हैं, पूरे देश में कई ऐसे मामले आयें हैं जो इनकी इस जिहादी मानसिकता का परिचय देती है। हालाँकि मामले को बढ़ता देख लखनऊ से कई बड़े अधिकारियों को बहराइच भेजा गया, एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश ने स्वयं मोर्चा संभाला है। खबर लिखे जाने तक इंटरनेट सेवाएँ बंद थी, शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।