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प्लास्टिक के उपहारों का बेहतर विकल्प बन रहे गोमय उत्पाद

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एक ओर दुनिया प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को लेकर परेशान है, दूसरी ओर गोसेवा में लगे गोभक्त इसके समाधान की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. इसका साक्षी बना है जयपुर के जामडोली स्थित केशव विद्यापीठ में चल रहा तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम. सेवा भारती के तत्वाधान में आयोजित सेवा संगम में गोमय के विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. लोग वहां गोबर से बनी वस्तुएं देखकर चकित हैं कि ऐसी वस्तुएं भी बन सकती हैं.

प्रदर्शनी में छोटी से लेकर बड़े आकार की फोटो फ्रेम, दीवार घड़ियां, मैगजीन होल्डर व अन्य छोटी-छोटी उपहारनुमा वस्तुएं लोगों का ध्यान खींच रही हैं. लोग कह रहे हैं कि इन वस्तुओं का उपयोग बढ़ता है तो प्लास्टिक का उपयोग धीरे-धीरे कम होता जाएगा. जयपुर के छात्र सोहम कहते हैं कि यदि प्लास्टिक का उपयोग कम होता है तो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह बहुत अच्छी पहल मानी जाएगी.

सेवा संगम में लगी गोमय उत्पादों की प्रदर्शनी में गोमय से निर्मित कागज भी शामिल है. इस कागज के उपयोग से डायरियां, फाइल फोल्डर, विवाह आमंत्रण पत्र, शुभकामना लिफाफे, राखियां, छोटे गुलदस्ते, गिफ्ट बॉक्स, टेबल कैलेंडर, धूपबत्ती, बैंगल बॉक्स सहित कई तरह की सजावटी एवं दैनिक उपयोगी वस्तुएं बनाई गई हैं.

गोसेवा प्रकल्प से जुड़े चित्तौड़ प्रांत के राजेन्द्र पामेचा और नीरज बताते हैं कि गोमय उत्पाद सिर्फ प्लास्टिक का ही विकल्प नहीं बन रहे, अपितु यूरिया एवं अन्य हानिकारक पदार्थों का भी विकल्प बन रहे हैं. गोमय से दानेदार खाद भी बनाई जा रही है, जिसका उपयोग कृषक कर रहे हैं और उन्हें अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं. भूमि की उर्वरता में भी वृद्धि हो रही है.