देहरादून
दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर ने बच्चों के लिए एक जापानी भाषा कार्यशाला आयोजित की, जिसे विशेष रूप से लाइब्रेरी के चिल्ड्रन विंग के लिए डिज़ाइन किया गया था।
देहरादून के बच्चों को भाषा की नई दुनिया से जुड़ने का मौका मिला। जी हां दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर ने ‘हिनोमारू जापानी भाषा कक्षाओं’ की मदद से जापानी भाषा कार्यशाला का आयोजन किया था । बता दे यह पहल नन्हे पाठकों में नई भाषाएं सीखने की रुचि जगाने और ज्ञान की सीमाएं बढ़ाने के लिए पुस्तकालय का एक तेजस्वी प्रयास है । नन्हे पाठकों के लिए किये गए इस प्रयास पर दून मॉडर्न लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर की इंचार्ज मेघा ने बात करते हुए बताया कि, पुस्तकालय में बच्चों के लिए तरह-तरह की गतिविधियाँ करवाई जाती हैं । बच्चों को कभी नाटक, चित्रकला और हैंडीक्राफ्ट आदि की वर्कशॉप करवाई जाती है, तो कभी भाषाओं को लेकर, उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियोँ से हमारा उद्देश्य होता है कि बच्चे मोबाइल और टीवी में अपना समय खराब न करके अपने अंदर स्किल्स पैदा करे और अन्य चीजों से भी जुड़ पाएं।
वही हिनोमारू जैपनीज लैंग्वेज क्लासेस के संचालक मनन ने जानकारी दी कि उन्हें जापानी भाषा बहुत अच्छी लगती थी, पर इसलिए लिए उन्होंने दिल्ली जाकर जापानी भाषा सीखी । वह चाहते थे कि देहरादून के लोगों को जापानी भाषा सीखने के लिए उनकी तरह दूसरे राज्यों का रुख न करना पड़े, इसीलिए उन्होंने देहरादून में जैपनीज भाषा कक्षाओं’ की शुरुआत की । मनन की यह पहल हमें यह सिखाती है कि सीखने व समाज के लिए कुछ अच्छा करने के लिए अच्छी सोच होनी चाहिए , अगर हम दिल से कुछ करना चाहें और पहल स्वयं से करें, तो छोटा कदम आगे चलकर एक बड़ी लहर बन सकता है ।