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मेरठ के तीन दोस्तों ने किया कमाल, माउंट एवरेस्ट पर लहराकर तिरंगा

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मेरठ के तीन दोस्तों ने किया कमालमाउंट एवरेस्ट पर लहराकर तिरंगा

आयु सिर्फ एक नंबर हैये बात सच कर दिखाई है तीन दोस्तों नेजिनकी उम्र भले ही 50 पार हैलेकिन उनके जोश और हिम्मत के आगे हर मुश्किल छोटी लगने लगी..... जी हां... हम बात कर रहे हैं हापुड़ के संजय त्यागीनरेंद्र त्यागी और मेरठ के कैली गांव के निवासी धर्मेंद्र त्यागी कीजिन्होंने साथ मिलकर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप और काला पत्थर पीक तक पहुंचकर तिरंगा लहराकर अपने जिले का नाम उज्ज्वल किया....



इनके साहस ने सिद्ध कर दिया है कि अगर लक्ष्य पक्का होतो कोई मंज़िल दूर नहीं...... बताते चलें कि तीनों दोस्तों ने एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचने से पहले कई महीनों तक योग के द्वारा  फिटनेस प्राप्त की....उसके बाद 3 अप्रैल को यूपी के हापुड़ से अपनी यात्रा को प्रारंभ किया... और 10 अप्रैल को नागार्जुन पीक पर चढ़ाई की फिर 12 अप्रैल को काला पत्थर पहुंचे और 13 अप्रैल को एवरेस्ट बेस कैंप पर गर्व से तिरंगा फहराया.... इस अपार सफलता के साथ तीनों ने हापुड़ के पर्वतारोहण के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है, 50+ की आयु में काला पत्थर पीक पर पहुँचने वाले पर्वतारोहियों की यह यात्रा हमे यह सिखाती है कि अगर मन में लगन हो तो कोई भी सपना सच किया जा सकता है...



उनकी यह यात्रा उनके अथक परिश्रम और अटूट दृढ़ संकल्प का प्रमाण है ..... अगर हम और आप भी अपने सपनों को लेकर एक कदम आगे बढ़ाएंगे तो रास्ता अपने आप बनता चला जाएगा.... और हमारे सपने जरुर साकार होंगे...जिस उम्र में लोग हिम्मत हार जाते हैं उस उम्र में इन तीनों दोस्तों ने एक नई शुरुआत कर जिन्दगी जीने की एक अद्भुत मिसाल कायम कर दी है......