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ORS को लेकर FSSAI ने अपनाया सख्त रुख

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जहां चाह होती है वहीं राह भी होती हैं अगर कोई कार्य करने में आपको काफी परिश्रम करना पड़ रहा है या उसमें काफी रुकावटे आ रही हैं तो समझ जाइए कि आप बिल्कुल सही रास्ते पर हैं और ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। हैदराबाद की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवरंजनी संतोष ने जिन्हों नेनकली ORS ड्रिंक्स के विरुद्ध 8 वर्षो तक लंबी कानूनी और सामाजिक लड़ाई लड़ी। उन्होंने बच्चों की सेहत को बचाने के लिए यह मामला CDSCO, FSSAI और हाईकोर्ट तक पहुंचाया और सोशल मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों को असली ORS की अहमियत समझाई। अब उनकी कोशिशों का असर दिखा है।

Meet the Hyderabad doctor whose legal battle ended fake ORS claims! -  FoodManifest

जी हां भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानि की FSSAI  ने बड़ा कदम उठाते हुए निर्देश दिए है कि कोई भी कंपनी अपने किसी भी खाद्य या पेय उत्पाद के नाम में ORS शब्द का उपयोग नहीं कर सकेगी, जब तक वह WHO के असली ORS फोर्मुले  पर आधारित न हो। जानकारी के अनुसार पहले कंपनियों को चेतावनी लिखकर ORS शब्द जोड़ने की अनुमति थी, लेकिन अब यह छूट पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। अगर कोई कंपनी नियमों का उल्लंघन करती है, तो उस पर फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 की धारा 52 और 53 के तहत कार्रवाई होगी.. साथ ही साथ FSSAI ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत ऐसे सभी उत्पादों से ORS शब्द हटवाएं और नियमों का पालन करें।