महाकुंभ-2025 में चार विश्व रिकॉर्ड बनने को तैयार, 14 से 17 फरवरी के बीच गूंजेगा नया कीर्तिमान
- - 500 से अधिक शटल बसों का एक साथ संचालन, 10,000 सफाई कर्मचारियों द्वारा सामूहिक स्वच्छता अभियान, और 7,500 लोगों के हैंड प्रिंट लेने का कीर्तिमान शामिल था
- - महाकुंभ-2025 के ये चार रिकॉर्ड पहले से ही तय किए गए थे, और नवंबर से ही इसकी योजना पर काम शुरू हो गया था।
- - 500 से अधिक शटल बसों का एक साथ संचालन, 10,000 सफाई कर्मचारियों द्वारा सामूहिक स्वच्छता अभियान, और 7,500 लोगों के हैंड प्रिंट लेने का कीर्तिमान शामिल था
- - महाकुंभ-2025 के ये चार रिकॉर्ड पहले से ही तय किए गए थे, और नवंबर से ही इसकी योजना पर काम शुरू हो गया था।
प्रयागराज। महाकुंभ-2025 के दौरान प्रयागराज में चार विश्व रिकॉर्ड बनाए जाएंगे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है, और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी निगरानी के लिए पहुंच चुकी है। यह ऐतिहासिक आयोजन 14 से 17 फरवरी के बीच होगा, जिसमें हर दिन एक नया रिकॉर्ड बनेगा। खास बात यह है कि इन रिकॉर्ड्स के जरिए स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा।
कुंभ 2019 के रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी
महाकुंभ-2025 के ये चार रिकॉर्ड पहले से ही तय किए गए थे, और नवंबर से ही इसकी योजना पर काम शुरू हो गया था। इससे पहले कुंभ 2019 में भी तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए गए थे, जिनमें 500 से अधिक शटल बसों का एक साथ संचालन, 10,000 सफाई कर्मचारियों द्वारा सामूहिक स्वच्छता अभियान, और 7,500 लोगों के हैंड प्रिंट लेने का कीर्तिमान शामिल था। इस बार प्रयागराज मेला प्राधिकरण अपने ही दो पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगा और दो नए विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा।
चार दिनों में चार विश्व रिकॉर्ड-
1. 14 फरवरी: स्वच्छता अभियान का नया कीर्तिमान
पहले दिन 15,000 सफाई कर्मचारी गंगा और यमुना नदी के किनारे 10 किलोमीटर तक सफाई अभियान चलाएंगे। इससे पहले 2019 में 10,000 कर्मचारियों के साथ ऐसा रिकॉर्ड बनाया गया था। इस अभियान पर 2.13 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
2. 15 फरवरी: गंगा नदी की सफाई का रिकॉर्ड-
दूसरे दिन 300 कर्मचारी एक साथ गंगा नदी में उतरकर सफाई करेंगे। इस तरह का रिकॉर्ड पहली बार बनने जा रहा है। इसके लिए 85.53 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
3. 16 फरवरी: ई-रिक्शा संचालन का नया रिकॉर्ड-
तीसरे दिन पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ 1,000 ई-रिक्शा का एक साथ संचालन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक ई-रिक्शा परेड को त्रिवेणी मार्ग पर आयोजित किया जाएगा, और इस पर 91.97 लाख रुपये खर्च होंगे।
4. 17 फरवरी: 10,000 हैंड प्रिंटिंग का विश्व रिकॉर्ड-
चौथे दिन कैनवस पर 10,000 लोगों के हैंड प्रिंट लिए जाएंगे। यह आयोजन गंगा पंडाल और अन्य प्रमुख स्थलों पर होगा। इससे पहले 2019 में 7,500 लोगों के हैंड प्रिंट लेने का रिकॉर्ड बना था। इस बार इसे तोड़ने के लिए 95.76 लाख रुपये का बजट रखा गया है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम की निगरानी में तैयारियां पूरी-
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में इन आयोजनों के लिए पहले ही आवेदन कर दिया गया था। उनकी टीम प्रयागराज पहुंच चुकी है और पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रही है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद से इन रिकॉर्ड्स को सफलतापूर्वक स्थापित करने की योजना बनाई है।
महाकुंभ-2025 का यह आयोजन न केवल आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक होगा, बल्कि दुनिया को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगा।