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अमरूद की खेती ने बदला इस किसान का जीवन, हर साल हो रही लाखों की कमाई

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बात जब नगदी फसलों की होती है, तो पूर्वांचल के लोग गन्ने की खेती की तरफ रुख करते हैं। लेकिन यूपी के मऊ जिले के किसान ऐसा नहीं कर रहे हैं। वे धान, गेहूं जैसी पारम्परिक फसलों की जगह अमरुद की खेती कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं रजपुरा के किसान नरेंद्र राय जो पिछले कई वर्षों से पारम्परिक खेती छोड़ एक बीघे में अमरुद की बागवानी से सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं।

किसान
नरेंद्र राय बताते हैं कि जब उन्हें धान और गेहूं जैसे पारम्परिक खेती में मनचाही सफलता नहीं मिली, तो अमरूद की बागवानी शुरू की। इसमें लागत कम और लाभ अधिक है। इसमें दिन भर मेहनत करने की आवश्यकता भी नहीं होती है और पूंजी भी कम लगती है। एक बार इसका पेड़ लगाने  के बाद 15-20 वर्ष तक इससे लाभ कमाया जा सकता है। विशेष बात यह है कि यह पेड़ लगभग 6 महीने में ही फल देने लगता है।

इसके
एक फल का वजन 300 से 400 ग्राम तक का होता है। वे बताते हैं कि ये ताइवान पिंक वैरायटी का अमरूद है, जिसमें काफी मिठास होती है। यह अमरूद अंगूर के गुच्छे की तरह खूब फलता है। इस अमरूद की विशेषता है यह है कि यह 12 महीने फल देता है। जिसके कारण किसानों को काफी लाभ होता है। अमरूद की एक बीघे की बागवानी से प्रतिवर्ष 3 से 4 लाख रुपये की आमदनी हो जाती है। किसान नरेंद्र की सफलता को देखकर अब क्षेत्र के दूसरे किसान भी अमरुद की खेती करना शुरु कर दिया है साथ ही आसपास के किसान नरेंद्र से सलाह लेने भी पहुंच रहे हैं।