नई दिल्ली. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 75वें वर्ष में आयोजित हो रहे चार-दिवसीय 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के बुराड़ी स्थित डीडीए ग्राउंड में बसाई गई टेंट सिटी इंद्रप्रस्थ नगर के मदनदास देवी सभागार में किया गया. विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर अमित शाह ने परिषद के थीम सॉंग और राष्ट्रीय चेतना पर आधारित 5 पुस्तकों का विमोचन भी किया.
अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के प्रत्येक ज़िले व विश्वविद्यालय-महाविद्यालय परिसर से दस हजार से अधिक छात्रा-छात्र महाकुंभ का हिस्सा बनने हेतु दिल्ली पहुँचे हैं. अधिवेशन में सांस्कृतिक राष्ट्रीयता पर आधारित 8 थीम वाली विशाल प्रदर्शनी लगायी गयी है, जिसमें भारतीय स्वाधीनता आंदोलन, राष्ट्रीय एकात्मता, विद्यार्थी परिषद की 75 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाया गया है. प्रदर्शनी को परिषद के संस्थापक सदस्य और संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व. दत्ताजी डिडोलकर के नाम पर समर्पित किया गया है. अधिवेशन के लिए 52 एकड़ में विस्तृत परिसर बनाया गया है.
इस वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगाँठ भी है. इसी उपलक्ष्य पर अभाविप ने 28 नवम्बर को महाराष्ट्र के रायगड क़िले से हिन्दवी स्वराज्य यात्रा भी शुरू की थी जो देश के 75 किलों से गुजरते हुए विभिन्न स्थानों की मिट्टी कलश में एकत्रित कर 07 दिसंबर को विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर समाप्त हुई. अधिवेशन में कीर्तिमान स्थापित करते हुए ध्वजारोहण के उपरांत एक साथ 8500 विद्यार्थियों और 150 दिव्यांग विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक वंदे मातरम का गायन किया गया. संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में स्थापित और कार्यरत अभाविप का विश्वव्यापी स्वरूप 75 वर्षों के संघर्षों की तपस्या का फल है. 50,65,264 सक्रिय सदस्यता के साथ आज इसका अस्तित्व भारत के प्रत्येक शैक्षणिक परिसर में है तथा इसके साथ ही सामाजिक, पर्यावरणीय, सेवा, खेल, आदि क्षेत्रों में भी प्रभावी रूप से समाधान का विकल्प देते हुए कार्य कर रही है.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि “मुझे चार दशक पहले का समय याद आ रहा है, जब मैं कार्यकर्ता के रूप में पिछली पंक्ति में बैठा करता था. चीन युद्ध के बाद पूर्वोत्तर को देश से जोड़े रखने का कार्य करने में परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण है. मैं गौरवान्वित हूँ कि विद्यार्थी परिषद का एक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हूँ”.
अमित शाह ने कहा “अभाविप वह मूर्ति है, जिसे यशवंतराव केलकर, मदनदास देवी, दत्ताजी डिडोलकर जैसे अनेकों महान शिल्पियों ने 75 वर्षों की इस यात्रा में गढ़ा है. चाहे भाषा व शिक्षा का आंदोलन हो या संस्कृति को बरकरार रखना हो, हर क्षेत्र में विद्यार्थी परिषद ने युवाओं के माध्यम से समाज को ‘स्व’ का महत्त्व बताया है”.
विश्व में भारत के बढ़ते कद के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा यह देश के लिए जीने का समय है, युवा भारत माता को जीवन समर्पित करने के संकल्प के साथ इस अधिवेशन से जाएं और समाज को भी इस दिशा में एकजुट करें.
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने कहा कि “ध्येय की निष्ठा, स्थान की पवित्रता और काल की अनुकूलता पर आयोजित यह अधिवेशन परिषद के कार्यकर्ताओं के लिए महायज्ञ है. अभाविप समय के साथ सतत् अपने ध्येय यात्रा को आगे बढ़ा रहा है. 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा में केवल विद्यार्थी परिषद ने प्रश्न ही नहीं, अपितु उनके समाधान भी प्रस्तुत किया है और भारत के युवाओं को भारत के वास्तविक इतिहास से परिचित कराने का कार्य किया है”.
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि “अभाविप सकारात्मक परिवर्तनों को खड़ा करने का आन्दोलन है. विद्यार्थी परिषद ने छात्राओं को आत्म सुरक्षा का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से पूरे देशभर में मिशन साहसी चलाया. अभाविप ने कई मुद्दों पर तप, त्याग और बलिदान के बदौलत आंदोलनों का सफल नेतृत्व किया है, आज इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले है. विद्यार्थी परिषद ने 50 लाख सदस्यता का आंकड़ा पार कर लिया है, यह छात्र संगठन के रूप में परिषद के नेतृत्व में युवाओं के लिए अत्यंत गौरवशाली क्षण हैं”.
अधिवेशन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी, सह-सरकार्यवाह मुकुंद सीआर, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर सहित अन्य उपस्थित रहे.