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कार्तिक पूर्णिमा : अयोध्या के सरयू घाट पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

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- सरयू नदी के तट पर स्नान करने का विशेष महत्त्व

- कार्तिक पूर्णिमा भक्तों के लिए आस्था, पूजा और दान-पुण्य का पर्व

अयोध्या। आज कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर अयोध्या के सरयू नदी के घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आकर स्नान कर रहे हैं और पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। कार्तिक मास की पूर्णिमा का यह दिन विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है, और हिंदू धर्म में इसे पवित्र स्नान और दान का दिन माना जाता है। 

अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व-

अयोध्या भगवान राम की नगरी है, और यहाँ सरयू नदी के तट पर स्नान करने का विशेष महत्त्व है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रद्धालु यहाँ भोर से ही स्नान के लिए पहुंचते हैं। घाटों पर सुरक्षा और सुविधाओं के लिए प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं ताकि कोई दुर्घटना न हो और सभी भक्त सुरक्षित स्नान कर सकें।

पूजा और दान-पुण्य का महत्व-

स्नान के बाद भक्तगण मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान राम, भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की विशेष पूजा होती है। इस अवसर पर दीप जलाने का भी रिवाज है, और शाम होते ही घाटों पर दीयों की पंक्तियाँ सजती हैं, जिसे ‘देव दीपावली’ के नाम से जाना जाता है। 

इसके अलावा, कार्तिक पूर्णिमा पर दान-पुण्य का भी महत्व है। श्रद्धालु भोजन, वस्त्र और अन्य जरूरी चीजों का दान करते हैं, और पंडितों को दक्षिणा भी दी जाती है। माना जाता है कि इस दिन दान करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। 


अन्य धार्मिक स्थल भी उत्सवमय-

केवल अयोध्या ही नहीं, बल्कि वाराणसी, प्रयागराज, और गंगा के अन्य पवित्र घाटों पर भी आज के दिन स्नान और पूजा-पाठ का माहौल है। लाखों लोग गंगा नदी में स्नान कर रहे हैं और घाटों को रोशनी से सजाया गया है। वाराणसी में गंगा आरती का आयोजन भव्य रूप में किया जाता है, जिसे देखने के लिए भारी संख्या में भक्त और पर्यटक आते हैं।

कुल मिलाकर, कार्तिक पूर्णिमा का यह दिन भक्तों के लिए आस्था, पूजा और दान-पुण्य का पर्व है, और इस विशेष अवसर पर अयोध्या सहित देश भर के पवित्र स्थलों पर दिव्यता का माहौल है।