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अयोध्या में 18 नवंबर को भगवान श्रीराम का तिलकोत्सव

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- जनकपुर से आएंगे 251 तिलकहरु, 501 तरह के नेग

- तिलकोत्सव के दौरान अयोध्या में कई धार्मिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन

- रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और दीपों से सजाए गए मंदिर और मार्ग

अयोध्या। 18 नवंबर को अयोध्या में श्रीराम तिलकोत्सव का भव्य आयोजन होगा। इस दिन जनकपुर से श्रीराम की ससुराल पक्ष के लोग (तिलकहर) अयोध्या आएंगे और प्रभु श्रीराम का तिलक करेंगे। यह आयोजन श्रीराम और माता सीता के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और इस मौके पर जनकपुर से आए तिलकहार 501 तरह के नेग लेकर आएंगे।

तिलकहारों का स्वागत-  

जनकपुर से आने वाले तिलकहारों का अयोध्या में विशेष स्वागत किया जाएगा। तिलकहर अपने साथ विभिन्न प्रकार के नेग और उपहार लेकर आएंगे, जिनमें परंपरागत रूप से मिठाई, वस्त्र, आभूषण, फल, और पूजा सामग्री शामिल हैं।

501 प्रकार के नेग-

जनकपुर से लाए जा रहे 501 तरह के नेग भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक हैं। ये नेग श्रीराम के लिए विशेष रूप से तैयार किए जाते हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार की सामग्री होती है। इन नेगों में जनकपुर की विशेष मिठाइयाँ, श्रृंगार के सामान और अन्य उपहार शामिल होते हैं, जो अयोध्या में आयोजित होने वाले तिलकोत्सव की शोभा बढ़ाते हैं।

भव्य आयोजन और धार्मिक कार्यक्रम-  

तिलकोत्सव के दौरान अयोध्या में कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, और धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह का उत्सव मनाया जाएगा। अयोध्या के मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाएगा, और भक्तों की बड़ी संख्या इस आयोजन में शामिल होगी।

अयोध्या की सजावट- 

तिलकोत्सव के अवसर पर अयोध्या के प्रमुख स्थलों और मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और दीपों से सजाए गए मंदिर और मार्ग इस आयोजन को और भी भव्य बनाएंगे। 

पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आगमन- 

इस भव्य आयोजन के कारण देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु अयोध्या पहुँचेंगे। इससे अयोध्या में धार्मिक उत्सव का माहौल बनेगा और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। श्रीराम तिलकोत्सव का यह आयोजन न केवल रामायण काल की पवित्र घटनाओं को जीवंत करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं का भी प्रतीक है। जनकपुर से आए तिलकहारों का स्वागत अयोध्या के लिए एक सम्मानजनक और आनंदमयी अवसर है, जो श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम और माता सीता की दिव्यता का अनुभव कराएगा।