- अयोध्या और जनकपुर दोनों स्थानों पर भव्य तैयारियां
- भारत और नेपाल के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मिलेगी ताकत
अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के प्रांगण में 18 नवंबर 2024 को श्रीराम का भव्य तिलकोत्सव आयोजित किया जा रहा है। यह उत्सव रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार हो रहा है। तिलकोत्सव के लिए माता सीता के मायके जनकपुर (नेपाल) से विशेष तिलक सामग्री, उपहार, और 251 लोग अयोध्या पहुंचे हैं। इस ऐतिहासिक अवसर को लेकर अयोध्या और जनकपुर दोनों स्थानों पर भव्य तैयारियां की गई हैं।
तिलक सामग्री और आगमन-
राजा जनक के राजमहल से विशेष तिलक सामग्री, जिसमें सोने-चांदी के आभूषण और अन्य धार्मिक सामग्री शामिल है, अयोध्या लाई गई है। तिलकधारी 16 नवंबर को जनकपुर से रवाना हुए और 17 नवंबर को अयोध्या पहुंचे। यह यात्रा 100 कार, जीप और तीन बसों में की गई। यह आयोजन सीता-राम विवाह पंचमी की परंपरा का हिस्सा है, जिसमें जनकपुर से तिलक लेकर लोग अयोध्या आते हैं।
26 नवंबर को अयोध्या से साधु-संत राम बारात लेकर जनकपुर जाएंगे, जहां 6 दिसंबर को विवाह पंचमी पर राम-जानकी विवाह का आयोजन होगा।
तिलक समारोह के लिए अयोध्या के राम मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। श्रद्धालुओं और साधु-संतों का तिलक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आगमन हुआ है।
तिलक सामग्री में नेग के तौर पर चढ़ावे की बड़ी मात्रा भी शामिल है, जो ट्रक के जरिए लाई गई है।
विवाह पंचमी की परंपरा-
सीता-राम का विवाह जनकपुर में होता है, और अयोध्या से साधु-संत जनकपुर जाते हैं। इस बार पहली बार नेपाल से लोग तिलक चढ़ाने अयोध्या आए हैं। तिलक और विवाह पंचमी कार्यक्रम दोनों भारत और नेपाल के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूती प्रदान करते हैं।
यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, और इसमें भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक संबंधों की झलक देखने को मिलती है।