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वक्फ बोर्ड मिटाकर रहेंगे या सनातन बोर्ड बनाकर रहेंगे – देवकीनंदर ठाकुर

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- दिल्ली में आयोजित धर्म संसद के बाद मथुरा में भी संतों ने भरी हुंकार

मथुरा । 16 नवंबर को दिल्ली में आयोजित धर्म संसद में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए "सनातन बोर्ड" की मांग उठाई। इससे बाद संतों ने मथुरा जाकर इसी मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि अगर देश में वक्फ बोर्ड जैसा एक संस्था मौजूद है जो मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं के लिए जमीनों का प्रबंधन करता है, तो सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए भी ऐसा एक बोर्ड बनाना आवश्यक है। उनका कहना था कि सनातन धर्म के अनुयायी, जिनकी संख्या 100 करोड़ से ज्यादा है, उन्हें भी समान अधिकार मिलना चाहिए।

देवकीनंदन ठाकुर ने वक्फ बोर्ड की गतिविधियों पर कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि यह बोर्ड देश के हजारों एकड़ जमीन पर कब्जा कर चुका है, जिनमें कई प्राचीन मंदिरों की भूमि भी शामिल है। उन्होंने दावा किया कि वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराने मंदिरों पर भी अधिकार जताया है, और यह भारत की धार्मिक विविधता और संस्कृति के लिए खतरा बन सकता है। 


देवकीनंदन ठाकुर ने हाल ही में वक्फ बोर्ड की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता जताई और एक सनातन धर्म रक्षण बोर्ड बनाने की मांग की। उनका कहना था कि वक्फ बोर्ड की गतिविधियों के चलते देश में कई मुस्लिम धार्मिक संस्थाएं भूमि पर कब्जा कर रही हैं, जैसे कि एयरपोर्ट, संसद और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह सिलसिला इसी तरह जारी रहा, तो सनातन धर्म के अनुयायी अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक संपत्तियों की सुरक्षा नहीं कर पाएंगे। इसीलिए उन्होंने प्रस्ताव रखा कि एक "सनातन बोर्ड" बनाया जाए, जो सनातन धर्म की रक्षा करे, जैसा वक्फ बोर्ड ने मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों के लिए किया है।


उनकी यह टिप्पणी आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण द्वारा उठाई गई सनातन धर्म रक्षण बोर्ड की मांग के बाद आई है। पवन कल्याण ने भी सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक बोर्ड की आवश्यकता पर जोर दिया था, और देवकीनंदन ठाकुर ने इस विचार को और बल दिया है। 

यह मांग समाज के विभिन्न वर्गों से मिल रही प्रतिक्रियाओं के साथ एक व्यापक बहस का हिस्सा बन गई है, जिसमें धार्मिक और राजनीतिक नेताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है।


कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने वक्फ बोर्ड की बढ़ती शक्ति और उसकी मनमानी गतिविधियों के खिलाफ एक कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ बोर्ड को देशभर में जमीनों पर कब्जा करने का अधिकार मिल सकता है, तो सनातन धर्म के संरक्षण के लिए एक "सनातन बोर्ड" भी बनना चाहिए। देवकीनंदन ठाकुर ने इस विचार का समर्थन करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड ने देश की संसद और एयरपोर्ट जैसी अहम जमीनों पर कब्जा करने का दावा किया है, और अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो बाकी जमीनें भी नहीं बचेंगी।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सनातन धर्म का रक्षण करने के लिए भी एक बोर्ड होना चाहिए, जैसा वक्फ बोर्ड के पास अधिकार हैं, ताकि सनातन धर्म के अनुयायी अपनी भूमि और अधिकारों की सुरक्षा कर सकें। इस विचार का समर्थन विभिन्न संतों और राजनीतिक नेताओं द्वारा भी किया जा रहा है।