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जेल में बंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं मधुलिका त्रिपाठी

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जेल में बंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं मधुलिका त्रिपाठी


लखीमपुर खीरी, यूपी  जेल के भीतर जहाँ आमतौर पर आशाएं कम होती हैं कि कोई आपके जीवन में प्रकाश लेकर आये...लेकिन यह प्रकाश की किरणें एक समाजसेवी मधुलिका त्रिपाठी जेल में बंद महिलाओं के जीवन में बिखेर रहीं हैं, और उन्हें सशक्त बना रही हैं 


आपको बता दें मधुलिका यूपी के लखीमपुर खीरी जेल में बंद महिला बंदियों को सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, कंप्यूटर शिक्षा, हस्तशिल्प इन सभी क्षेत्रों में सशक्त बना रही हैं।


यह निशुल्क प्रशिक्षण देकर वह न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही हैं..बल्कि वह ऐसा विश्वास करती हैं कि हर महिला को दूसरा मौका मिलना चाहिए। हर महिला में एक छुपी हुई शक्ति होती है। बस वह उन्हें सही दिशा और अवसर देने का प्रयास कर रही हैं, ताकि वे अपने जीवन को नया मोड़ दे सकें।उनका उद्देश्य स्पष्ट है कि जेल के बाद ये महिलाएँ अपने पैरों पर खड़ी होकर समाज में अपनी पहचान बना सकें...


मधुलिका बताती हैं उनके प्रयासों से कई महिलाओं का जीवन बदल चुका है। वे अब अपने परिवारों के लिए प्रेरणा बन गई हैं और समाज में एक नई कहानी लिख रही हैं। मधुलिका द्वारा किये जा रहे कार्यों व समाज में दिए योगदान के लिए उन्हें कई सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित भी किया गया है...


कहना गलत नहीं होगा मधुलिका त्रिपाठी की यह पहल सिर्फ एक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है—आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम बढ़ाने की दिशा में । क्योंकि हर महिला इस प्रकार के एक मौके का अधिकार है, जिससे वह अपना आने वाला जीवन बदल सकें