संघ संस्मरण
असम के जोरहाट नगर में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद् के अधिवेशन में दिनांक 28 मार्च, 1970 को सम्पन्न महिला सम्मेलन को उद्बोधित करते हुए श्री गुरुजी ने कहा, "जब कुरुक्षेत्र में युद्ध को जाने के लिए सब लोग सिद्ध हो गए तब माता का आशीर्वाद मांगने के लिए धर्मराज युधिष्ठिर और अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव पांचो पाण्डव एक साथ पहुंचे। कुन्ती ने कहा कि यह धर्म-युद्ध है। क्षत्रिय माता इसलिए सन्तान को जन्म देती है।
यदर्थं क्षत्रिया सूते, तस्य कालोऽयमागतः ।
न हि वैरं समासाद्य सीदन्ति पुरुषर्षभाः।। (महाभारत उद्योग पर्व)
अर्थात् जिस कारण क्षत्राणियां पुत्र को जन्म देती हैं वह समय आ गया है। वैर प्राप्त होने पर पुरुषश्रेष्ठ हतोत्साह नहीं होते।
ऐसे समय में माताओं को निर्भीक होकर वीरोचित वृत्ति से अपने धर्म तथा सत्कर्म का पालन करो, इस प्रकार की प्रेरणा देनी चाहिए।"
।। श्री गुरुजी समग्र दर्शन, खण्ड - 06, पृष्ठ – 153 ।।




