देहरादून
कूड़ा बीनने वालों का जीवन सुधारने के लिए नमस्ते योजना की शुरुआत की
गई है। नमस्ते योजना का लाभ पहले सीवर कर्मचारियों और मैला ढोने वाले कर्मचारियों
को दिया गया।
कहते हैं, शहर की चमक उन लोगों की मेहनत से है जो खुद अंधेरे में जीवन बिताते हैं। लेकिन अब समय आ गया है। उन्हें पहचान देने का, उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का और इसी उद्देश्य के साथ पायलट प्रोजेक्ट के तौर देहरादून नगर निगम लेकर आई है नमस्ते योजना, आपको बता दें नमस्ते योजना का लाभ पहले सीवर कर्मचारियों और मैला ढोने वाले कर्मचारियों को दिया गया। अब तीसरे चरण में रैगपिकर्स यानि कूड़ा बीनने वालों को इसका लाभ दिया जाएगा। इन सभी की पहचान करके निगम की तरफ से उन्हें आईडी कार्ड दिया जाएगा। पंजीकरण से उन्हें कानूनी रूप से सुरक्षा और अधिकार प्राप्त होंगे। उन्हें बेहतर आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी, साथ ही उन्हें स्वच्छता कार्य के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण और उपकरण दिए जाएंगे, जिससे वह सुरक्षित और कुशल तरीके से काम कर सकें।
इसके साथ-साथ कौशल विकास कार्यक्रम, स्वरोजगार के अवसर और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनका सामाजिक एवं आर्थिक विकास हो सके। कहना गलत नहीं होगा यह केवल एक सरकारी पहल नहीं है बल्कि इस योजना से उन्हें नया जीवन, एक नई पहचान मिलेगी। देहरादून नगर निगम की ओर से उठाया गया यह कदम एक बड़ा उदाहरण हैं कि सबको साथ लेकर चलने में ही सामाज के सभी वर्गों का विकास है, जब सब मिलकर आगे बढ़ते हैं, तो न केवल हमारा अपना विकास होता है, बल्कि पूरे समाज की भी उन्नति होती है।