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17 साल बाद ढिकाला में लौटी लाइफलाइन! यथार्थ सुपर स्पेशलिटी और कॉर्बेट की बड़ी पहल

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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला जोन में… 17 साल बाद वो हुआ, जिसकी प्रतीक्षा हर वनकर्मी और पर्यटक कर रहे थे

और इसके पीछे है—यथार्थ सुपर स्पेशलिटी और जिम कॉर्बेट की शानदार पहल।

अब वन कर्मी हों या देश-विदेश से आए पर्यटक… जंगल के बीच मिलेगा इमरजेंसी मेडिकल सपोर्ट, वो भी तुरंत।

इस पीएचसी का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड प्रचार प्रमुख कृपा शंकर जी के हाथों संपन्न हुआ... वहीं साथ में मौजूद रहे जिम कॉर्बेट के निदेशक डॉ. साकेत बडोला, यथार्थ हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कपिल त्यागी,  निदेशक डॉ. मंजू त्यागी, और पर्यावरणविद् प्रकाश श्रीवास्तव।


जंगल में हादसा हो... ट्रॉमा केस या फिर एनिमल अटैक… अब इलाज के लिए 54 किलोमीटर दूर रामनगर नहीं जाना पड़ेगा.. क्योंकि ढिकाला जोन में ही तैयार है प्राथमिक उपचार केंद्र PHC।

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी और कॉर्बेट प्रशासन की यह पहल…जंगल की सुरक्षा और मानव सेवा… दोनों को नई ताकत दे रही है।


ढिकाला PHC—अब सिर्फ अस्पताल नहीं, कॉर्बेट की नई जंगल लाइफलाइन है जहां

वनकर्मियों के लिए

सफारी करने वाले पर्यटकों के लिए

और 24×7 कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के लिए

अब मिलेगी इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर की त्वरित सेवा

कहते हैं किसी भी पहल की शुरुआत के लिए एक सोच जरूरी है... यही सोच उपजी प्रकाश श्रीवास्तव जी के मस्तिष्क में... और 17 वर्ष से बंद पड़ी ये डिस्पेंसरी को मिल गया नया आकार।

पीएचसी के उद्घाटन के मौके पर पर्यावरणविद् प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा- यह सिर्फ उद्घाटन नहीं… मानव सेवा का नया अध्याय है।  

जंगल के बीच पहले पीएचसी के लिए यथार्थ हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ. सुनील बालियान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसके लिए जिम कॉर्बेट के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने उनका आभार जताते हुए कहा- 17 वर्ष बाद डिस्पेंसरी को नया रूप मिला है, जिसकी लंबे समय से कमी महसूस की जा रही थी।

ढिकाला PHC का पुनर्जीवन—जंगल, जीवन और जनसेवा… तीनों की सुरक्षा के लिए नये युग की तरह है।