लखनऊ, उत्तर प्रदेश
सफाई कर्मी सीवर के अंदर जहरीली गैसों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठते हैं। यह हादसे अब थम सकते हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश के दो होनहार युवाओं ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो सीवर में काम करने वाले मजदूरों की जान बचाएगी। मेरठ के एमआईटी कॉलेज के छात्रों मोहित और वंश तिवारी ने यह डिवाइस तैयार की है, जो सीवर में मौजूद मिथेन, हाइड्रोजन सल्फाइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों का स्तर तुरंत माप लेगी। डिवाइस में सबसे आगे हेलमेट और उसके साथ एक मॉनिटर जुड़ा है। अगर खतरा है तो यह डिवाइस बीप, वाइब्रेशन और रेड लाइट से अलर्ट करेगी। इतना ही नहीं, साथ खड़े सुपरवाइजर के मॉनिटर और मोबाइल पर भी तुरंत मैसेज जाएगा। यानी अब मजदूरों की जान से खिलवाड़ नहीं, बल्कि पहले से ही सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इस प्रोजेक्ट को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब की निगरानी में विकसित किया गया है। दोनों युवाओं को इसके लिए भारत सरकार से 4 लाख रुपये की ग्रांट भी मिली है। मोहित और वंश बताते हैं कि यह डिवाइस सिर्फ एक प्रयोग नहीं, बल्कि देशभर के लिए बड़ा समाधान है। भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पॉवरमेंट द्वारा उठाई गई समस्या को हल करने के लिए 5000 से ज्यादा युवाओं ने अपने आइडिया दिए थे, लेकिन फाइनल लिस्ट में चुने गए 5 प्रोजेक्ट्स में मोहित और वंश का आइडिया सबसे दमदार साबित हुआ। युवाओं ने डिवाइस के पेटेंट के लिए आवेदन भी कर दिया है। मार्केट में मौजूद मौजूदा उपकरणों से यह तकनीक कहीं ज्यादा आधुनिक और कारगर है। अगर बड़े स्तर पर इसका प्रोडक्शन शुरू हुआ तो यह देशभर में सीवर सफाई के सिस्टम को पूरी तरह बदल सकता है।




