विकसित भारत की ओर बढ़ता अपना देश
भारत, एक प्राचीन सभ्यता और विविधताओं से भरा देश, आज तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। जब भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की, तब यह एक नवोदित राष्ट्र था जो उपनिवेशवाद के जख्मों से उबर रहा था। आज, 21वीं सदी का भारत विज्ञान, तकनीक, अर्थव्यवस्था, रक्षा और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। भारत सरकार द्वारा ‘विकसित भारत/2047’ का जो सपना देखा गया है, वह केवल आर्थिक रूप से सशक्त देश बनने का लक्ष्य नहीं है, बल्कि एक समावेशी, आत्मनिर्भर, सशक्त और टिकाऊ राष्ट्र बनने की परिकल्पना है। विकसित भारत 2047 कोई स्वप्न मात्र नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है। यह लक्ष्य तभी साकार होगा जब सरकार, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और प्रत्येक नागरिक एक साथ मिलकर प्रयास करें। यदि हम सभी अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करें, तो 2047 का भारत न केवल विकसित राष्ट्र होगा, बल्कि एक ऐसी शक्ति बनेगा जो विश्व को मार्गदर्शन देगा- वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत पर आधारित, समृद्ध, समावेशी और शांति-प्रिय भारत बनेगा।
प्रस्तावना: ऋग्वेद के सातवें मंडल में वर्णित भारत शब्द का तात्पर्य है प्रकाश अथवा ज्ञान में रत देश, भारत अर्थात विश्व गुरु, भारत शांति और सद्वभावना वाला देश, भारत अर्थात विश्व पटल पर चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा देश।
भारत ऋषियों व मुनियों वाला देश, भारत गंगा जमुना जैसी पवित्र नदी वाला देश-
‘जिसका ताज हिमालय है।
जहां बहती है गंगा यमुना।।
जहां अनेकता में एकता है।
सत्यमेव जयते जहां का नारा है ।
वह भारत देश हमारा है।।
भारत, एक प्राचीन सभ्यता और विविधताओं से भरा देश, आज तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। जब भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की, तब यह एक नवोदित राष्ट्र था जो उपनिवेशवाद के जख्मों से उबर रहा था। आज, 21वीं सदी का भारत विज्ञान, तकनीक, अर्थव्यवस्था, रक्षा और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। भारत सरकार द्वारा ‘विकसित भारत /2047’ का जो सपना देखा गया है, वह केवल आर्थिक रूप से सशक्त देश बनने का लक्ष्य नहीं है, बल्कि एक समावेशी, आत्मनिर्भर, सशक्त और टिकाऊ राष्ट्र बनने की परिकल्पना है।
विकसित भारत का सपना हर भारतीय के मन में बसता है। इसका तात्पर्य है कि हमारा देश आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी क्षेत्रों में निरंतर प्रगति करे। इसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ, आधुनिक बुनियादी ढांचा और आत्मनिर्भरता का विकास शामिल है। ऐसे भारत में हर नागरिक को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेंगे और गरीबी व भुखमरी जैसी समस्याएँ समाप्त होंगी।
2047 तक, स्वतंत्रता के 100 वर्षों का उत्सव मनाते हुए, हम अपने देश को एक समृद्ध, समावेशी और सतत विकासशील राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं।
भारत अपने इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है 21वीं सदी भारत की सदी होगी क्योंकि देश अपनी क्षमताओं के प्रति आश्वस्त होकर भविष्य की ओर बढ़ रहा है। भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2047 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। क्योंकि इसकी जीडीपी 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (आईएमएफ का अनुमान) को पार कर पाएगी। 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र की सभी विशेषताओं के साथ 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की और अग्रसर है यह एक विकसित भारत होगा। राष्ट्रों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ आता है जब कोई राष्ट्र उस क्षण को पकड़ लेता है और तेजी से विकास को प्राप्त करता है। उदाहरण के रूप में जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1950 और 60 के दशक में एक महत्वपूर्ण व उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ तीव्र आर्थिक विकास की अवधि पहले कभी नहीं देखी गई जिसे अक्सर ‘जापानी युद्धोंत्तर आर्थिक चमत्कार’ के रूप में जाना जाता है इस युग ने जापान को एक अग्रणी विश्व अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाया और इसे एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया वहीं दूसरी ओर जर्मनी की आर्थिक गति 1950, 60 और 70 के दशक में बदल गई जिसे आर्थिक चमत्कार के रूप में भी जाना जाता है यह तीव्र आर्थिक विकास और बढ़ते जीवन स्तर का काल था। जर्मनी तब से वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी और सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था में से एक बना हुआ है जो अपने मजबूत विनिर्माण आधार और तकनीकी कौशल के लिए जाना जाता है। एक विकासशील देश से सिंगापुर ने 1960 और 70 के दशक में स्वयं को बदल लिया दुनिया के सबसे अमीर देश में से एक बन गया। इतना ही नही एशिया की आर्थिक शक्तियों में से एक बन गया जो तकनीकी रूप से परिष्कृत है वहीं दक्षिणी कोरिया युद्धग्रस्त, कृषि प्रधान और खंडहर हो चुके गरीब देश के बाद दक्षिण कोरिया ने 1960 से 90 के दशक तक अपनी अर्थव्यवस्था में नाटकीय रूप से बदलाव किया इस अवधि को दुनिया की अग्रणी कंपनियों के साथ ‘हान नदी का चमत्कार’ के रूप में माना जाता है यह सब वही राष्ट्र हैं जो एक महत्वपूर्ण मोड़ के महत्व को जानते थे और उस अवसर का उपयोग आर्थिक दिग्गज बनने के लिए किया। भारत भी एक ऐसे अवसर के मुहाने पर है यह भारत का अमृतकाल है भारत कई मोर्चाे पर बदल चुका है और आगे बढ़ने के लिए तैयार है सामाजिक आर्थिक बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है।
विकसित भारत 2047 की परिकल्पना: विकसित भारत 2047 वह दृष्टिकोण है जिसमें भारत को उसकी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ तक एक ‘विकसित राष्ट्र’ के रूप में स्थापित करना है। इसका अर्थ है कि भारत न केवल आर्थिक रूप से शक्तिशाली होगा, बल्कि सामाजिक, पर्यावरणीय, तकनीकी और मानवीय क्षेत्रों में भी वैश्विक नेतृत्वकर्ता होगा। यह परिकल्पना ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र पर आधारित है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि विकसित भारत का संकल्प 4 अमृत स्तंभों पर टिका है। ये अमृत स्तंभ हैं - हमारी नारीशक्ति, हमारी युवा शक्ति, हमारे किसान और हमारे गरीब परिवार।
विकसित भारत 2047 की सबसे प्रमुख पहचान उसकी मजबूत और सतत् आर्थिक प्रणाली होगी। आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और 2047 तक इसे शीर्ष तीन में स्थान पाने का लक्ष्य है। निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने से (जैसे ”मेक इन इंडिया“) स्टार्टअप और नवाचार की संस्कृति को प्रोत्साहन देने से डिजिटल इंडिया के माध्यम से सेवा क्षेत्र को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने से देश के प्रत्येक वर्ग आगे बढ़ रहा है।
2047 का भारत ऐसा होगा जहाँ जाति, धर्म, लिंग, या क्षेत्र के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा। महिला सशक्तिकरण, अनुसूचित जाति/जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्गों के सशक्तीकरण के प्रयासों से एक समतामूलक समाज की स्थापना की जाएगी। सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
2047 तक भारत को वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान में विश्व की अग्रणी शक्तियों में स्थान दिलाना एक प्रमुख उद्देश्य है। अंतरिक्ष कार्यक्रम (प्ैत्व्), रक्षा अनुसंधान (क्त्क्व्), जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (।प्), क्वांटम कंप्यूटिंग, और 5ळ/6ळ तकनीक में आत्मनिर्भरता देश को वैश्विक नवाचार केंद्र बनाने की यात्रा जारी है। पिछले 11 वर्षों 2014-25 में भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 5,4 917 किलोमीटर का विस्तार हुआ है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2014 से अब तक 3.96 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़के बनायी गयी है। भारत में संचालित हवाई अड्डों की संख्या 2014 से 3.96 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़के बनाई गई हैं। भारत मे संचालित 2025 में बढ़कर 160 हो गई है। उड़ान योजना के अंतर्गत 86 नए हवाई अड्डे बनाए गए हैं 88 गंतव्यों को जोड़ा गया है। 136 विश्व स्तरीय वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है। दिल्ली मेरठ रैपिड रेल, चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा रेल ब्रिज, पहाड़ों में सबसे लंबा रेल टनल, करनाल ब्रिज जैसी परियोजना से देश को नई गति मिली है।
भारत का टेक्नोलॉजी युग भारत ने एक उड़ान में 104 उपग्रह और पहला निजी रॉकेट विक्रम- एस लॉन्च का नया रिकॉर्ड बनाया है। डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए 44 लाख करोड़ वितरित हुए। 22 महीनांे 5ळ सेवा 99.6,प्रतिशत जिलों तक पहुंची और 2.14 ग्राम पंचायत को ब्रॉडबैंड से जोड़ा गया 2014 में 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन से बढ़कर जून 2024 में 97 करोड़ 285 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
विकसित भारत का अर्थ केवल औद्योगिक विकास नहीं है, बल्कि यह एक हरित, स्वच्छ और सतत् भविष्य भी है। कार्बन उत्सर्जन में कटौती, नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे सौर ऊर्जा), जल संरक्षण, जैव विविधता की रक्षा और सतत कृषि भारत के विकास मॉडल के मूल में होंगे। ‘हरित भारत’ (ळतममद प्दकपं) और ‘स्वच्छ भारत’ जैसे अभियानों को और व्यापक स्तर पर लागू किया जाएगा। पर्यावरण एवं सतत विकास वर्ष 2014 से अक्षय ऊर्जा क्षमता लगभग तीन गुनी हुई है। भारत ने 11 गैर- जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 40 प्रतिशत ऊर्जा प्राप्त करने का ब्व्च् 21 का लक्ष्य हासिल किया है। वर्ष 2014 में शुरू किए गए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 40, 481 करोड़ की 494 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिसमें से 315 पूरी हो चुकी हैं प्रधानमंत्री की बस सेवा योजना के तहत 14 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों के शहरों के लिए 7,293 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी मिली है।
2047 तक भारत की शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य केवल डिग्रियाँ देना नहीं होगा, बल्कि बच्चों और युवाओं को 21वीं सदी के कौशल जैसे- आलोचनात्मक सोच, तकनीकी दक्षता, नवाचार, और उद्यमिता सिखाना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
विकसित भारत 2047 एक ऐसे राष्ट्र के रूप में उभरेगा जो वैश्विक मंच पर निर्णायक भूमिका निभाएगा। संयुक्त राष्ट्र, जी-20, ब्रिक्स, और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत की भागीदारी और नेतृत्व से वैश्विक शांति, जलवायु न्याय और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति होगी।भारत एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति 2014 में दसवें नंबर से आज 2025 में भारत चौथे नंबर की सबसे बड़ी और तेजी से बढ़ाने वाले अर्थव्यवस्था बनता जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में वस्तुओं और सेवाओं में $825 बिलियन का रिकॉर्ड निर्यात दर्ज किया गया है उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (च्स्प्) ने 1.61 लाख करोड़ निवेश और ₹14 लाख करोड़ उत्पादन ₹5.31 लाख करोड़ निर्यात और 11.5 लाख नौकरियां पैदा की है ₹29.8 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से कोविड-19 के दौरान एमएसएमई और व्यवसाय को मदद मिली। भारत में स्वीकृत पेटेंट की संख्या वर्ष 2014-15 में 5,978 से 17 गुना बढ़कर 2023 24 में 1,03, 057 हुई है। इसके अतिरिक्त अयोध्या में दिव्य भव्य राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल लोक सहित प्रमुख सांस्कृतिक केंद्रों का विकास भगवान बिरसा मुंडा को सम्मानित करते हुए जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाना उन सभी वीरों के प्रति सच्ची श्रंद्धाजलि है जिन्हें इतिहास के पन्नों में कहीं भुला दिया गया। वक्त संशोधन अधिनियम 2025 के तहत वह संपत्तियों की पारदर्शिता और जवाब देही को बढ़ाया। 11 साल में भारत को 642 चोरी हुई कलाकृतियां 2013 तक सिर्फ तेरह ही वापस आई थी।
2047 का भारत पूरी तरह डिजिटल और तकनीकी रूप से उन्नत होगा। स्मार्ट शहर, डिजिटल भुगतान प्रणाली, ब्लॉकचेन आधारित सेवाएँ, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग नागरिक जीवन को अधिक सहज, पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगा।
देश के विकास की असली तस्वीर तब सामने आएगी जब गाँव भी शहरों जैसी सुविधाओं से युक्त होंगे। 2047 तक हर गाँव में बिजली, पानी, इंटरनेट, स्वास्थ्य सेवाएँ और अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। “रूरल अर्बन इंटिग्रेशन” (ग्रामीण-शहरी एकीकरण) इस दिशा में एक अनिवार्य कदम है। भारत की 50 प्रतिशत जनसंख्या महिलाएँ हैं और विशाल युवा वर्ग उसकी सबसे बड़ी पूँजी है। विकसित भारत की कल्पना तभी साकार होगी जब महिलाएँ हर क्षेत्र में नेतृत्व करेंगी और युवा सृजनात्मकता व उद्यमिता में अग्रणी भूमिका निभायेगा। 2047 का भारत एक ऐसा लोकतंत्र होगा जहाँ जनता का विश्वास उसकी संस्थाओं में अटूट होगा। पारदर्शिता, जवाबदेही और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन भारत की शासन प्रणाली की पहचान बनेगी। डिजिटल तकनीक और नागरिक सहभागिता के माध्यम से शासन व्यवस्था अधिक उत्तरदायी और जनोन्मुखी होगी।
निष्कर्ष: विकसित भारत 2047 कोई स्वप्न मात्र नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है। यह लक्ष्य तभी साकार होगा जब सरकार, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और प्रत्येक नागरिक एक साथ मिलकर प्रयास करें। यदि हम सभी अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करें, तो 2047 का भारत न केवल विकसित राष्ट्र होगा, बल्कि एक ऐसी शक्ति बनेगा जो विश्व को मार्गदर्शन देगा - वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत पर आधारित, समृद्ध, समावेशी और शांति-प्रिय भारत बनेगा।