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अपने गांव में शिक्षा की अलख जगा रहे प्रमोद

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किसी भी व्यक्ति के विकास के लिए शिक्षा बहुत ही आवश्यक है, शिक्षा के बिना जीवन अधूरा होता है...आज भी अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण कुछ बच्चे शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते...पर समाज में प्रमोद मुकदम जैसे भी लोग हैं..जिनको बच्चों में शिक्षा के प्रति अलख जगाने का जुनून होता है..हम यहाँ बात कर रहें हैं मथुरा के एक छोटे से गाँव की, जहाँ कोई पढ़ाने वाला नहीं था.. यह बात गाँव के ही रहने वाले प्रमोद मुकदम को अखरती थी...

प्रमोद के पिता भी एक किसान हैं, तो वह यह अच्छे से समझते थे कि शिक्षा का क्या महत्व है, इसलिए उन्हें  अपनी परेशानी याद रही और इसी के साथ गांव के बच्चों को घर पर नि:शुल्क शिक्षा देनी शुरू कर दी, अभी वह 45 बच्चों पढ़ा रहे हैं और उन्हें  शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं..प्रमोद कहते हैं जब वह पढ़ते थे तो कोई उनको बताने वाला नहीं था.. इसलिए यह काम करके वो बच्चों का भविष्य संवारने में अपना छोटा सा योगदान दे रहे हैं..

आपको बता दें प्रमोद अब तक 1500 बच्चों को नि:शुल्क पढ़ा चुके हैं.. उनके पास कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चे पढ़ने आते है.. वह बच्चों को अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान पढ़ाते हैं..आज के युग में शिक्षा के महत्व को समझते हुए उन्होंने बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाना शुरू किया था, जो अब भी जारी है...