राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने जयपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम के उद्घाटन के पश्चात शुक्रवार शाम प्रदर्शनी का अवलोकन किया. स्वावलम्बी भारत-समृद्ध भारत की झलक दर्शाती यह प्रदर्शनी सेवा संगम परिसर में लगाई गई है. सरसंघचालक ने प्रदर्शनी में ग्राम विकास के कार्यों पर जयपुर एवं चित्तौड़ प्रांत द्वारा बनाई डॉक्युमेंट्री के पोस्टर का विमोचन किया.
उन्होंने प्रदर्शनी में ग्राम विकास के कार्यों के अवलोकन के साथ पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के कार्यों को भी देखा. पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के महानगर प्रमुख हनुमान प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस गतिविधि में तीन उपक्रम शामिल किए गए हैं, पेड़, पानी और कूड़ा प्रबंधन. इसका जीवंत प्रदर्शन भी किया गया है. प्रदर्शनी में पुरानी अनुपयोगी चीजों में छोटे पौधे लगाए गए हैं. जूतों में भी पौधे लगाए गए हैं, जिन्हें देखकर हर कोई चकित रह जाता है.
पंडाल के मध्य भाग में ग्रहों और नक्षत्रों के अनुसार पौधे लगाए गए हैं. पंडाल में खड़ी वैन में वर्षा जल संग्रहण का जीवंत प्रारूप बनाया गया है, जो सभी का ध्यान आकर्षित रहा है. छत के पानी के संग्रहण करने का यह नया तरीका है.
सरसंघचालक ने गोसेवा के कार्यों के अंतर्गत गोबर व गोमूत्र के उत्पादों का भी अवलोकन किया. यहां गाय के गोबर और गोमूत्र से फिनायल, दानेदार खाद, धूपबत्ती, गोमय पुट्टी आदि उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं. प्रदर्शनी में रसोई की बगिया भी है, इसमें रसोई से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग होता है. फल और सब्जियों के छिलकों को ड्रम में डाला जाता है. ड्रम में आठ छेद कर आठ पौधे लगाए जाते हैं. इससे ज्यादा या कम भी पौधे लगाए जा सकते हैं.
सरसंघचालक ने प्रदर्शनी में संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों का भी अवलोकन किया और कार्यकर्ताओं के प्रयासों को सराहा.