सीमांत गांव के बच्चों को रोबोट सिखाएगा पढ़ाई
पिथौरागढ़ की हरी-भरी वादियों में बसा एक छोटा-सा गांव जाजर चिंगरी। लेकिन यहां की सोच, देश के बड़े शहरों से कहीं आगे निकल चुकी है।"
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जाजर चिंगरी विद्यालय एक ऐसा स्कूल है जिसने अपने नवाचारों से पूरे देश का ध्यान खींचा है। जिसका कारण है एक रोबोट टीचर, जी हां अब इस स्कूल में एक रोबोट टीचर पढ़ाएगा। जिसका नाम है...इको।
इको सिर्फ एक मशीन नहीं है… ये बच्चों के सवालों का जवाब देने वाला दोस्त है, जो इंटरनेट से संचालित होता है और ज्ञान के हर क्षेत्र में मदद करता है..चाहे वो गणित हो, विज्ञान या सामान्य ज्ञान। बच्चे इस नए प्रयोग से काफी उत्साहित हैं। उनके लिए ये केवल प्रेशर वाली पढ़ाई नहीं, बल्कि एक खेल की तरह है।
इस नए प्रयोग पर स्कूल के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर जोशी कहते हैं कि बच्चों को AI, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग जैसी तकनीक से जोड़ना समय की मांग है। और हम चाहते हैं कि सीमांत क्षेत्र के बच्चे भी पीछे न रहें।
आपको बता दें अभिभावक भी इस पहल से अधिक प्रसन्न हैं। उन्हें आशा है कि ये नवाचार उनके बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करेंगे।
इस छोटे से गांव ने दिखा दिया कि अगर सोच बड़ी हो, तो तकनीक की ऊंचाइयों को भी छुआ जा सकता है।