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सागर अग्रवाल से बना सैम अली !

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हल्द्वानी , उत्तराखण्ड : अब तक मुस्लिम युवकों द्वारा पहचान छिपाकर हिन्दू युवतियों से लव जिहाद, जबरन मतांतरण और फिर प्रताड़ना की घटनाएं देखते-सुनते रहे हैं...  लेकिन अब इस्लामी कट्टरपंथी मानसिकता से ग्रस्त युवतियाँ भी इसी षड्यंत्र का सक्रिय हिस्सा बन चुकी हैं। उत्तराखंड से ऐसी ही घटना सामने आई है.. जिसने उस कट्टरपंथी सोच की सभी सीमाओं को पार कर दिया है..  हल्द्वानी की ताजा घटना इसका जीवंत उदाहरण है, जहाँ फरहीन नामक मुस्लमान युवती ने हिन्दू युवक सागर अग्रवाल को प्रेमजाल में फंसाया, उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित... सागर का नाम नाम बदलकर "सैम अली" रख दिया, मतांतरण करने पर विवश कर दिया.. इतना ही नहीं नकली पहचान पत्रों के जरिए उसकी असली पहचान तक मिटा दी।

वर्ष 2021 में एक दरगाह में इस्लामिक रीति से निकाह कराया गया, जिसमें मौलाना, युवती का भाई और कई अन्य शामिल थे। षड्यंत्र की गहराई का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि फरहीन और उसके साथियों ने सागर के लिए नया आधार कार्ड, पैन कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र तक बनवाया, जिसमें उसे मुसलमान दिखाया गया। यह मात्र एक हिन्दू युवक का मतान्तरण नहीं, अपितु उसकी पूरी सांस्कृतिक, धार्मिक और पारिवारिक पहचान को नष्ट कर देने का प्रयास था। यह घटना उन तत्वों की मानसिकता को उजागर करती है जो प्रेम को भी मजहबी वर्चस्व का हथियार बना चुके हैं। प्रश्न यह नहीं है कि किसने किससे प्रेम किया, प्रश्न यह है कि क्यों इस 'प्रेम' में मात्र हिन्दू युवक से उसकी जड़ें, उसकी पहचान और उसका अस्तित्व त्यागने की मांग की गयी? क्यों यह मानसिकता तभी संतुष्ट होती है जब दूसरा पूरी तरह से मिट जाए? यह मामला प्रेम का नहीं, पहचान के अपहरण और मजहबी घुसपैठ की एक खतरनाक मिसाल है, जिसका विरोध मात्र भावनात्मक नहीं, वैचारिक और कानूनी स्तर पर भी आवश्यक है। ऐसे कट्टरपंथी और हिन्दूओं को निशाना बनाने वाली सोच पर कुठाराघात आवश्यक है।