उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में चारों धामों के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने के निर्णय का संत समाज ने स्वागत किया है. कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद ज्ञापित किया है.
इस दौरान बाबा हठयोगी महाराज ने कहा है कि सनातन हिंदू धर्म के चार धाम, बारह ज्योतिर्लिंग और 52 शक्तिपीठों का कोई विकल्प नहीं हो सकता. इसलिए उनके नाम का दुरुपयोग अथवा उनके नाम से कोई अन्य ट्रस्ट नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों और संस्थाओं के नाम भारतवर्ष की सांस्कृतिक संपदा है, जिनका सम्मान किया जाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है. कैबिनेट के इस निर्णय से सांस्कृतिक पहचान और अधिकार को संरक्षित करने में सहायता मिलेगी.