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समाज के वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए उम्मीद की किरण सेवा भारती के छात्रावास

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सेवा भारती एक ऐसा संगठन है जो अपने नाम को सार्थक करते हुए समाज के वंचित और निर्धन वर्ग के उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत है. सेवा भारती की स्थापना समाज सेवा के उद्देश्य से 1980 में की गई थी. सेवा भारती आज समाज में विभिन्न प्रकार के सेवा कार्य कर रही है. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक समरसता शामिल हैं. किशोरियों के लिए ‘समर्थ किशोरी विकास’ के माध्यम से उनके सर्वांगीण विकास की योजना सेवा भारती करती है. विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार व देशभक्ति की भावना पैदा करना ही सेवा भारती का उद्देश्य है. महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सेवा भारती महिलाओं को प्रशिक्षण देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है. सेवा भारती का मुख्य उद्देश्य सेवा कार्यों के माध्यम से वंचित, पीड़ित, अभावग्रस्त व उपेक्षित बंधुओं के जीवन में प्रकाश लाना है. इसके अंतर्गत सेवा भारती का एक महत्वपूर्ण प्रकल्प है छात्रावास, जो विशेष रूप से उन विद्यार्थियों के लिए संचालित किए जाते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या जिनके पास उचित शिक्षण संसाधन नहीं हैं. सेवा भारती के छात्रावास समाज के वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा की एक नई किरण प्रदान कर रहे हैं. ये छात्रावास न केवल विद्यार्थियों को शिक्षित करते हैं, बल्कि उनका एक बेहतर भविष्य की ओर मार्गदर्शन भी करते हैं. समाज में उत्थान और सकारात्मक परिवर्तन लाने में सेवा भारती के छात्रावासों का एक महत्वपूर्ण योगदान है. छात्रावास निश्चित रूप से उन सभी विद्यार्थियों के लिए एक आशा का स्तम्भ हैं, जो शिक्षा की रोशनी से दूर हैं.

सेवा भारती छात्रावास का उद्देश्य

सर्वे शिक्षिता:भवेयू: – सभी शिक्षित हों

सेवा भारती द्वारा चलाए जाने वाले छात्रावासों का मुख्य उद्देश्य सभी को शिक्षा की सुविधा मिले व हर बच्चा शिक्षित हो. इसके लिए सेवा भारती छात्रावासों द्वारा न केवल आवासीय सुविधाएं प्रदान करती है, बल्कि उन्हें नि:शुल्क शिक्षा, पुस्तकें, वर्दी और अन्य शैक्षणिक सामग्री भी प्रदान करती है. इन प्रकल्पों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति का समायोजन करना एवं उनमें अपनी धर्म-संस्कृति के प्रति समर्पण का भाव भरना है. राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति में सभी की समान भूमिका हो यह निश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है.

हरियाणा में चल रहे सेवा भारती के छात्रावास

सेवा भारती का श्री गोविंद निलयम आवासीय परिसर करनाल, हरियाणा में स्थित है और यह समाज के उन वंचित बच्चों के लिए एक आशा की किरण है, जो विभिन्न कारणों से शिक्षा से वंचित रह गए हैं. छात्रावास का मुख्य उद्देश्य बच्चों को एक सुरक्षित और सहायक वातावरण भी प्रदान करना है, जहां वे अपनी क्षमता को पहचान सकें. छात्रावास की स्थापना सेवा भारती हरियाणा द्वारा 2021 में सेवा श्री आश्रम सेवा भारती प्रांत कार्यालय के प्रांगण में की गई थी. आर्थिक या सामाजिक बाधा बच्चों के अधिकार के मार्ग में आड़े न आने पाए, इसलिए इस छात्रावास की स्थापना की गई थी.

श्री गोविंद निलयम छात्रावास में छात्रों को आवास, पोषणयुक्त भोजन, शैक्षणिक सामग्री और व्यक्तिगत संरक्षण प्रदान किया जाता है. छात्रों के अकादमिक विकास के लिए, छात्रावास में योग्य शिक्षकों द्वारा नियमित रूप से कक्षाएं संचालित की जाती हैं. साथ ही छात्रों के नैतिक और सामाजिक विकास के लिए विविध गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

छात्रों का समग्र विकास

सा विद्या या विमुक्तये – विद्या वही है जो मुक्ति प्रदान करे.

सेवा भारती का मानना है कि शिक्षा केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक विभिन्न कौशल और मूल्यों को सिखाती है. इसलिए छात्रावास में खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामाजिक सेवा के अवसर प्रदान किए जाते हैं. जिससे विद्यार्थियों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके. वर्तमान में श्री गोविंद निलयम छात्रावास में 42 विद्यार्थी रहकर संस्कारयुक्त शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में उत्तम प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि अन्य गतिविधियों  में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी प्रकार गत वर्ष श्री माधव निलयम छात्रावास हरियाणा के हिसार जिले के लाडवा में आरंभ किया गया है. समाज के सहयोग से इस वर्ष भी हरियाणा में 4 नए छात्रावास आरंभ किए जा रहे हैं, जिनमें 3 छात्रावास बालकों के लिए एवं एक छात्रावास बालिकाओं के लिए आरंभ किया जा रहा है.

माता जीजाबाई कन्या छात्रावास

सेवा भारती हरियाणा द्वारा 3 बालक छात्रावासों के साथ-साथ एक कन्या छात्रावास भी आरंभ किया जा रहा है. पानीपत में स्थित यह कन्या छात्रावास लड़कियों के लिए एक विशेष प्रकल्प है. इसका उद्देश्य समाज के वंचित और निर्धन वर्गों से आने वाली लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ एक सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करना है. यह छात्रावास लड़कियों को शिक्षा के प्रति समर्पित एक उपयुक्त माहौल प्रदान करता है, जहां वे बिना किसी बाधा के अपनी पढ़ाई जारी रख सकती हैं.

नारी अस्य समाजस्य कुशलवास्तुकारा अस्ति.

भावार्थ :- महिलाएं समाज की आदर्श शिल्पकार होती हैं.

पुरुष शिक्षित होकर केवल एक घर को शिक्षित करता है. लेकिन एक स्त्री शिक्षित होकर दो परिवारों को शिक्षित करती है. महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं. महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर आज प्रत्येक क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. महिलाएं इसी प्रकार निरंतर विकास करती रहें, इसी को ध्यान में रखकर सेवा भारती बालक छात्रावासों के साथ-साथ कन्या छात्रावासों का भी संचालन करती है. कन्या छात्रावास की स्थापना का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में सहायता प्रदान करना है. इस प्रकल्प द्वारा सेवा भारती समाज के उन वर्गों में शिक्षा के प्रति जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करता है, जहां लड़कियों की शिक्षा अक्सर उपेक्षित रह जाती है.

छात्रावास की प्रवेश प्रक्रिया

सेवा भारती के छात्रावासों में बालक-बालिकाओं का प्रवेश एक प्रक्रिया के अनुसार होता है. छात्रावास में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार देना होता है. सेवा भारती द्वारा प्रवेश परीक्षा की तिथि घोषित होने के पश्चात सेवा भारती के कार्यकर्ता अपने-अपने स्थानों से ऐसे विद्यार्थियों को चिन्हित करते हैं, जो आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हैं….और उन्हें परीक्षा देने के लिए केंद्र पर लाते हैं. लिखित परीक्षा के पश्चात मेरिट के आधार पर विद्यार्थियों का साक्षात्कार के लिए चयन होता है. साक्षात्कार के पश्चात अंतिम मेरिट सूची तैयार होती है, जिसमें सेवा भारती अहर्ताओं के अनुसार विद्यार्थियों का चयन करती है. मार्च माह में सेवा भारती हरियाणा द्वारा छात्रावास में प्रवेश परीक्षा का आयोजन सेवा श्री आश्रम सेवा भारती प्रांत कार्यालय करनाल में किया गया, जिसमें कुल 344 आवेदन प्रांत से प्राप्त हुए. इनमें से 110 आवेदन छात्राओं एवं 267 आवेदन छात्रों के थे. परीक्षा देने के लिए कुल 272 विद्यार्थी आए एवं वे सभी उत्तीर्ण हुए. 272 विद्यार्थियों में से 107 विद्यार्थियों का चयन मेरिट के आधार पर हुआ, जिनमें से 19 छात्राएं व 88 छात्र हैं.