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संस्कृत विश्वविद्यालय में शुरू होगा मंदिर पाठ्यक्रम

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प्रारंभ में यह सर्टिफिकेट कोर्स के रूप में उपलब्ध होगा, ऑनलाइन भी होगा संचालित

- मंदिर प्रबंधन (टेंपल मैनेजमेंट) पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा

वाराणसी। वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने एक अनूठी पहल करते हुए मंदिर प्रबंधन (टेंपल मैनेजमेंट) पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। यह पाठ्यक्रम भारतीय संस्कृति और मंदिरों के महत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य मंदिरों में पूजा, आरती, अनुष्ठान, वित्तीय प्रबंधन और दर्शकों की व्यवस्था से संबंधित ज्ञान प्रदान करना है।


पाठ्यक्रम की मुख्य बातें -

पाठ्यक्रम में मंदिर की शुद्धता, स्वच्छता और प्रबंधन कौशल जैसे पहलुओं पर जोर दिया जाएगा।

छात्रों को मंदिर वास्तुकला, अनुष्ठानों की पवित्रता और प्रबंधन के व्यावहारिक तरीके सिखाए जाएंगे।

प्रारंभ में यह सर्टिफिकेट कोर्स के रूप में उपलब्ध होगा, जिसे ऑनलाइन भी संचालित किया जाएगा।

पाठ्यक्रम की संरचना विद्वानों और विशेषज्ञों की सलाह से तैयार की जा रही है, जिसमें शंकराचार्यों की सहमति भी शामिल होगी।

उद्देश्य -

यह पाठ्यक्रम युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करेगा और उन्हें पूजा-अनुष्ठान एवं प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षित करेगा।

आधुनिक समाज में मंदिरों की भूमिका को अधिक प्रभावी बनाने और भारतीय परंपराओं को संरक्षित करने में यह पहल महत्वपूर्ण होगी।