- गंगा की स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला
- 500 गंगा प्रहरी नदियों की सफाई और जागरूकता के लिए तैनात
प्रयागराज। प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ की तैयारियां तेजी से जारी हैं, जिसमें गंगा और यमुना की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। गंगा की स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टेनरियों पर निगरानी रखी जाएगी ताकि गंगा में किसी भी तरह के प्रदूषण को रोका जा सके। स्नान पर्वों के दौरान जल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए टेनरियों को अस्थायी रूप से बंद करने का प्रावधान किया गया है।
स्वच्छता के लिए विशेष प्रबंध -
1) गंगा प्रहरी और गंगा सेवा दूत: 500 गंगा प्रहरी नदियों की सफाई और जागरूकता के लिए तैनात किए जाएंगे। ये लोग घाटों पर काम करेंगे और जल में अपशिष्ट पदार्थों को हटाने का कार्य करेंगे।
2) टेक्नोलॉजी का उपयोग: क्यूआर कोड आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से स्वच्छता की निगरानी होगी।
3) 1.5 लाख टॉयलेट्स: पूरे मेला क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल टॉयलेट्स लगाए जा रहे हैं।
4) नमामि गंगे परियोजना: इस परियोजना के तहत नदी में जलीय जीवन के संरक्षण और स्वच्छता के प्रयास किए जा रहे हैं।
अन्य व्यवस्थाएं -
महाकुंभ क्षेत्र का विस्तार 4000 हेक्टेयर तक किया जा रहा है। साथ ही, पार्किंग स्थलों और वीवीआईपी कॉरिडोर की व्यवस्था पर भी काम चल रहा है। अनुमान है कि इस महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम पर स्नान के लिए आएंगे।
इन तैयारियों का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को बनाए रखना है बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की भव्यता को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने का एक अवसर बनेगा।