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संभल हिंसा: डीएम बोले मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने दिया भड़काउ बयान, वकील को मिली धमकी

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- अभी तक चार लोगों के मरने की खबर आ रही है सामने 

- संभल हरिहर मंदिर और जामा मस्जिद विवाद 

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए हिंसक घटनाक्रम के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने मामले में गंभीर कदम उठाए हैं। डीएम (जिला अधिकारी) ने मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भ्रम फैलाने और विवाद को बढ़ावा देने का काम किया। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष की ओर से ऐसी जानकारी दी गई, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। उन्होंने मस्जिद के सामने होने वाले सर्वे के दौरान भड़काऊ बयान दिए, जिसने हिंसा को जन्म दिया।

वहीं, वकील विष्णु शंकर जैन, जो हिंदू पक्ष के प्रतिनिधि के रूप में इस मामले में याचिका दायर कर रहे हैं, को जान से मारने की धमकी मिली। धमकी उन्हें व्हाट्सएप के जरिए भेजी गई। इस संदेश में कहा गया कि अगर उन्होंने अपने कदम वापस नहीं लिए तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह धमकी मामले को और भी जटिल बना रही है, क्योंकि यह दर्शाता है कि स्थिति को लेकर कुछ लोग अधिक उत्तेजित हो रहे हैं।

इसके अलावा, पुलिस ने पाया कि हिंसा को भड़काने और भीड़ इकट्ठा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया था। व्हाट्सएप पर भड़काऊ संदेश भेजकर लोगों को मस्जिद के पास एकत्रित होने के लिए प्रेरित किया गया था। पुलिस ने इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया है और सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कदम उठाए हैं।

प्रशासन ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है। आरआरएफ, पीएसी और पुलिस की तैनाती की गई है, ताकि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि जो लोग भी इस संवेदनशील मामले में अफवाहें फैलाएंगे या हिंसा को बढ़ावा देंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


किसने क्या कहा ? 

मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा, 'जहां भी कोई विवाद हो रहे हैं, वहां पर सर्वे टीम जा रही है और वो अपना काम कर रही है। इससे एतराज क्यों किया जाता है। यदि वो लोग सही हैं तो उनको एतराज नहीं होना चाहिए और अगर गलत है तो छिपाना नहीं चाहिए। जो लोग सरकारी आदेश या न्यायालय के आदेश पर जा रहे हैं उन पर पथराव करने की क्या जरूरत है? बैठकर बात करें।' 

संभल में पथराव की घटना पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, "यह अब कोई छिपी बात नहीं है कि सिर्फ संभल ही नहीं बल्कि हमारे देश में ऐसी कई जगहें हैं जहां हिंदू प्रवेश नहीं कर पाते हैं। ऐसे इलाकों में लोग शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रहे हैं और शरणार्थियों को फर्जी पहचान पत्र दिए जा रहे हैं...हम अपने मंत्र 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' और 'बटेंगे तो कटेंगे' का महत्व देख सकते हैं।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि संभल में हिंसा के पीछे समाजवादी पार्टी के कुछ नेता हैं। समाजवादी पार्टी के कुछ नेता दंगाईयों के साथ खड़े हैं। वे उन्हें उकसाने का काम कर रहे हैं। सीएम योगी और डीजीपी से मांग करता हूं कि दंगाईयों पर कठोर कार्रवाई की जाए। 

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी कहते हैं- पत्थरबाजी और तोड़फोड़ उचित नहीं है। मैं संभल के मुसलमानों से अपील करता हूं कि वे इस्लाम की अमन-चैन की शिक्षा को बनाए रखें। जहां तक अदालती कार्यवाही का सवाल है, जामा मस्जिद हमारी है। 


संभावित परिणाम

इस घटना ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। हिंदू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद पहले एक मंदिर था और बाबर ने इसे तोड़कर मस्जिद में बदल दिया। जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद ऐतिहासिक रूप से उनके समुदाय की है और इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में अब तक तीखी बयानबाजी हो रही है।

प्रशासन का उद्देश्य है कि इस विवाद को शांतिपूर्वक हल किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

कैसे भड़की हिंसा –

संभल में 24 नवंबर 2024 को हुए हिंसक घटनाक्रम में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भारी तनाव देखने को मिला। सर्वे टीम ने जब जामा मस्जिद का निरीक्षण करना शुरू किया, तो वहां की भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए और स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत की खबर भी सामने आई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की और स्थानीय प्रशासन ने पूरे इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया था।


संभल हरिहर मंदिर और जामा मस्जिद विवाद -

मंदिर पक्ष 

1) कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने 19 नवंबर को दोपहर डेढ़ बजे सिविल कोर्ट में याचिका लगाई। दावा किया कि शाही जामा मस्जिद श्रीहरिहर मंदिर है।

2) अदालत ने ढाई घंटे में ऑर्डर कर दिया। कहा- मस्जिद का सर्वे होगा। वीडियो और फोटोग्राफी कराकर रिपोर्ट 7 दिन में दाखिल करें।

3) अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे आदेश आने के महज 2 घंटे के भीतर शाम सवा छह बजे सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंच गई। डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी साथ रहे। 

मस्जिद पक्ष 

1) जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट ने सर्वे के बाद बताया था, 'टीम ने जामा मस्जिद के हर हिस्से का सर्वे किया है। हम भी टीम के साथ थे। सर्वे में अभी तक कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। 

2) मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 युवकों की मौत हो गई। हिंसा में एसपी समेत 15 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हैं। 

3) हिंसा के बाद तहसील में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। 12वीं तक के स्कूल कल, 25 नवंबर को बंद रहेंगे।  उग्र भीड़ ने 3 चौपहिया और 5 बाइकों में आग लगा दी। हालात कई घंटे बेकाबू रहे। सड़कों से 4 ट्रॉली पत्थर हटाए गए हैं।

संभल में मृतकों की संख्या 4 पहुंच गई है।

बिलाल (23) पुत्र हनीफ, निवासी झालीझामन, सरायतरीन।

रोमान (50) पुत्र तशकील खां उर्फ़ छोटे, निवासी हयातनगर।

नईम (30) निवासी कोट गर्वी।

कैफ (18) निवासी तुर्तीपुर इल्हा।

संभल में हुई हिंसक घटना के मामले में डीके फाउंडेशन ऑफ फ्रीडम एंड जस्टिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शिकायत दर्ज कराई है। फाउंडेशन ने आरोप लगाया है कि पुलिस की अंधाधुंध फायरिंग में मुस्लिम समुदाय के युवकों की मौत हुई, जोकि मानवाधिकारों का उल्लंघन है।