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खेत की खोदाई के दौरान निकली उमा-महेश्वर की प्रतिमा, पुरातत्व विभाग ने बताया गया है कि प्रतिमा लगभग 18वीं सदी की

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यूपी के आगरा जिले में खुदाई के दौरान सैकड़ों वर्ष पुरानी उमा-महेश्वर की प्रतिमाएं मिली हैं। लाल बलुआ पत्थर (रेड सैंड स्टोन) की एक ही शिला पर बनी प्रतिमाएं दो फुट ऊंची हैं और उन्हें मुगल काल से पूर्व का बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आगरा-ग्वालियर रोड पर स्थित कबूलपुर गांव के रहने वाले किसान भगवानदास अपने मकान की मरम्मत को खेत से मिट्टी निकाल रहे थे। जेसीबी से खुदाई के दौरान जमीन में करीब पांच फीट नीचे प्रतिमा नजर आईं। तुरंत ही खुदाई बंद कर दी गई। गांववाले जमीन में मिलीं प्रतिमाएं भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की मान रहे थे मगर बाद में प्रतिमा के उमा-महेश्वर (शिव-पार्वती) की होने की पुष्टि हुई ।जमीन में दबी प्रतिमाएं मिलते ही  हर-हर महादेव के जयकारों के साथ लोग पूजा-अर्चना में जुट गए हैं। पता होते ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआइ) की टीम भी जांच को वहां पहुंच गई है।

नागरिकों की सूचना पर पुरातत्व विभाग की टीम कबूलपुर गांव पहुंचकर जांच में जुट गई है। बताया गया है कि प्रतिमा लगभग 18वीं सदी की है। प्रतिमाएं मिलने से क्षेत्र में आस्था के रंग फूट रहे हैं और लोग उमा-महेश्वर की पूजा को उमड़ रहे हैं।