गुवाहाटी।
- गुवाहाटी के IIT परिसर में 22 फरवरी से चल रही दो दिवसीय बैठक में संपूर्ण भारत के 34 प्रांतों से 108 प्रतिनिधि उपस्थित रहीं
- बैठक में 34 प्रांतों से 107 प्रतिनिधि उपस्थित रहीं। देश के सभी 12 क्षेत्र और 38 प्रांतों में सेविका समिति की 4125 शाखाएं कार्यरत हैं। कुल 1042 जिलों मे से 834 जिलों में समिति कार्य है
राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी. शांता कुमारी जी ने कहा कि “विश्वकल्याण की कामना रखने वाली हिन्दू जीवन शैली आचरण का विषय है, इसलिए हम सभी को अपने जीवन में उसका अन्तर्भाव करना चाहिए।”
वे सेविका समिति की अखिल भारतीय बैठक के समापन संत्र में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि “अपने राष्ट्र को वैभवशाली बनाने के लिए पंच परिवर्तन के विषयों को (स्वबोध, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण और नागरिक कर्तव्य) व्यक्तिगत जीवन में, आचरण में लाते हुए समाज तक लेकर जाना होगा। अपने कार्य की स्थिति का SWOT एनालिसिस करते हुए कार्य दृढ़ीकरण के प्रयास करने है।”
गुवाहाटी के IIT परिसर में 22 फरवरी से चल रही दो दिवसीय बैठक में संपूर्ण भारत के 34 प्रांतों से 108 प्रतिनिधि उपस्थित रहीं।
समिति की प्रमुख कार्यवाहिका ए. सीता जी ने बैठक में संग़ठन की वर्तमान कार्य स्थिति, संपन्न किये विशेष कार्यक्रम और आगे करने वाले कार्य की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता युक्त कार्य को बढ़ाना है। इस वर्ष संत नामदेव के 675वें स्मृति वर्ष, रानी दुर्गावती की 501वीं और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जन्म जयंती को मानते हुए सभी के प्रेरणादायी जीवन चरित्र को लोगों के सामने रखना है तथा उनके विचारों का अपने जीवन में भी अंगीकार करना है।
समिति की बैठक में अखिल भारतीय स्तर की विभिन्न कार्यकर्ताओं ने मार्गदर्शन किया।
बैठक में 34 प्रांतों से 107 प्रतिनिधि उपस्थित रहीं। देश के सभी 12 क्षेत्र और 38 प्रांतों में सेविका समिति की 4125 शाखाएं कार्यरत हैं। कुल 1042 जिलों मे से 834 जिलों में समिति कार्य है। समिति की सेविकाओं द्वारा देशभर में 1799 सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं।